क्रिकेट खेलने से मना किया तो पथराव, एसएचओ समेत चार पुलिसकर्मी घायल
भरतपुर/नगर. लॉकडाउन की पालना कराने गई पुलिस पर क्रिकेट खेल रहे कुछ लोगों ने पुलिस पर हमला कर दिया। हमले में एसएचओ सहित चार पुलिसकर्मी घायल हो गए। हालांकि एसएचओ खुद को घायल होने से इंकार करते रहे। बताते हैं कि उन्हें भी मामूली चोटें आई हैं। हमले की सूचना पर अतिरिक्त जाप्ता मौके पर पहुंचा। जब पुलिस हमलावरों को पकड़ कर ला रही थी तो हमलावरों के परिजनों ने भी घरों से निकलकर पुलिस पर पथराव करते हुए लाठी-डंडे से हमला किया। पुलिस ने इस मामले में तीन महिलाओं सहित 10 लोगों को हिरासत में लिया। इधर, इन परिजनों ने भी पुलिस पर घर में घुसकर मारपीट करने का आरोप पुलिस अधिकारियों से की शिकायत में लगाया है। जानकारी अनुसार लॉक डाउन को लेकर शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए थाना पुलिस गुरुवार सुबह करीब 8.50 बजे रवाना हुआ। जो कस्बे में गश्त करते हुए बिडगमा चेक पोस्ट पर लगे जाब्ते की चेकिंग कर वापस लौट रहे थे कि खेड़ली रोड पर खेतों में कुछ युवक क्रिकेट खेलते दिखाई दिए। इस पर थानाधिकारी ने गाड़ी को रुकवा कर क्रिकेट खेल रहे युवकों की समझाइश की। समझाने पर कुछ युवक चले गए लेकिन पांच युवक वहां पर ही रुके रहे। जिनको पुलिस की ओर से कोरोनावायरस संक्रमण से बचाव करने के लिए घर पर ही रहने की समझाइश की गई लेकिन वह नहीं माने और पुलिस पर हमला कर दिया। हमले में थाना अधिकारी सहित पुष्पेंद्र, योगेंद्र, शहाबुद्दीन घायल हो गए। सूचना पर अतिरिक्त जाब्ता मौके पर पहुंच कर हमलावरों को पकड़ लिया। जब पुलिस हमलावरों को लेकर आ रही थी तो हमलावरों के परिजनों ने भी पुलिस पर पथराव करते हुए लाठी-डंडों से हमला शुरू कर दिया। इस मामले में पुलिस ने सुंदर पुत्र मानसिंह (20), लाल सिंह पुत्र मानसिंह (38), डालचंद पुत्र मानसिंह(40), पप्पू पुत्र मानसिंह (28), मोतीलाल पुत्र मानसिंह (42), मान सिंह पुत्र अमरचंद (60), भूप सिंह पुत्र मानसिंह (35), रामप्यारी पत्नी मानसिंह (60), सुनीता पत्नी डालचंद (40), राम देवी पत्नी मोतीलाल (45) के खिलाफ राजकार्य में बाधा सहित धारा 144 के उल्लंघन करने का मामला दर्ज किया।
शहर समेत जिलेभर सुनसान सड़कों को बनाया क्रिकेट का मैदान भरतपुर. हकीकत यह है कि लोग अब समझाने पर नहीं मान रहे हैं। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी सिर्फ और सिर्फ आमजन को इस महामारी से बचाने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। शहर समेत जिलेभर में गली-मोहल्लों की सुनसान सड़कों पर बच्चों को आसानी से क्रिकेट खेलते देखा जा सकता है। आवश्यक यह है कि खुद अभिभावकों को ही चाहिए कि वह बच्चों को समझाएं। यह समय सिर्फ घरों में रहने के लिए हैं। क्योंकि कोरोना वायरस से बचाव ही एकमात्र उपाय है।