scriptVIDEO#आरजीएचएस घोटाला…10-10 हजार की दवाइयों का बिल देकर आधी रकम में खरीदा देशी घी और आटा | Ghee and flour bought for half the amount by paying a bill for medicin | Patrika News

VIDEO#आरजीएचएस घोटाला…10-10 हजार की दवाइयों का बिल देकर आधी रकम में खरीदा देशी घी और आटा

locationभरतपुरPublished: Aug 12, 2022 09:53:00 pm

Submitted by:

Meghshyam Parashar

-भरतपुर जिले में बड़ा घोटाला, करोड़ों रुपए के घोटाले की आशंका

आरजीएचएस घोटाला...10-10 हजार की दवाइयों का बिल देकर आधी रकम में खरीदा देशी घी और आटा

आरजीएचएस घोटाला…10-10 हजार की दवाइयों का बिल देकर आधी रकम में खरीदा देशी घी और आटा

भरतपुर. राजस्थान सरकार स्वास्थ्य योजना में दवाइयों के नाम पर बड़ा घोटाला किया जा रहा है। डॉक्टर से दवाइयां लिखवा कर दवा विक्रेता कुल बिल के 50 प्रतिशत राशि में घरेलू सामान या नकदी ली जा रही है। ऐसा कोई एक मामला नहीं है, बल्कि जिलेभर में इस तरह के मामले सामने आए हैं। राजस्थान सरकार स्वास्थ्य योजना में दवाइयों का कुल बिल देकर 50 प्रतिशत राशि का घरेलू सामान खरीदने व कुछ स्थानों पर 50 प्रतिशत राशि लेने का मामला सामने आया है। ऐसे में आरजीएचएस के सतकर्ता दल ने शुक्रवार को कन्नी गुर्जर चौराहे पर एक दवा विक्रेता के खिलाफ कार्रवाई कर मथुरा गेट थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। इसके अलावा जिलेभर में दवाइयों का दुकान का औचक निरीक्षण करने का निर्णय लिया है।
मथुरा गेट थाने में दर्ज कराई रिपोर्ट में आरजीएचएस प्रशासन के संयुक्त परियोजना निदेशक सुरेशचंद मीना पुत्र जनसिरराम निवासी सैंथल दौसा ने बताया है कि श्रीजी मेडिकल एंड डिपार्टमेंटल स्टोर की ओर से योजना के तहत बड़े स्तर पर फर्जीवाड़े को अंजाम देने की शिकायत प्राप्त हुई। 27 जुलाई को सतर्कता दल की ओर से आरजीएचएस से अनुमोदित मेडिकल स्टोर्स का निरीक्षण किया गया। इसके तहत 28 जुलाई को आरजीएचएस सतर्कता दल ने कन्नी गुर्जर चौराहा स्थित श्रीजी मेडिकल एंड डिपार्टमेंटल का निरीक्षण किया। आरजीएचएस के सतर्कता अनुभाग को सूचना मिली थी कि विक्रेता लाभार्थियों को कार्ड पर दवाइयों के बदले घरेलू सामान दे रहा है। पते पर पहुंचने पर इस नाम से कोई मेडिकल स्टोर नहीं मिला। पूछताछ करने पर पता चला कि मेडिकल खुशबू मेडिकल के नाम से संचालित है। इस दुकान से टीम ने पेंशनर बनकर दवाइयों के पूरे बिल के बदले 50 प्रतिशत का घरेलू सामान खरीदा।
पहले मना किया और फिर 50 प्रतिशत राशि का दिया सामान

टीम सदस्य ने 27 जुलाई को आरबीएम अस्पताल से कटवाई गई पर्ची से दवाइयां लेने के लिए कहा। स्वयं को शिक्षा विभाग का कार्मिक होना बताया। इसके बाद कार्ड के बदले घरेलू सामान देने के लिए राजी हो गया। टीम सदस्य को पूछा कि किस व्यक्ति की पर्ची बनवानी है। टीम सदस्य लक्ष्मण प्रसाद की ओर से पत्नी हेमलता कुमारी की पर्ची बनवाने के लिए बोला गया। मेडिकल कर्मी ने टीम को 30 मिनट बाद आने को कहा। फिर टीम वहां से रवाना होकर इसकी जानकारी डॉ. अभिषेक सिंह किलक को दी। 30 मिनट बाद टीम दुबारा पहुंची तो दुकानदार नहीं था। एक घंटे बाद आने को कहा। एक घंटे बाद पहुंचे तो दुकानदार ने डॉ. भूपेंद्र कुमार कौशिक के लेटरहेड पर हेमलता कुमारी की दवाइयां लिखवा कर तैयार कर रखा था। दुकानदार को घरेलू सामान के बारे में बताया। मेडिकल स्टोर वाले ने टीम सदस्य से एसएसओ आईडी और पासवर्ड बताने को कहा, लेकिन टीम सदस्य ने स्वयं ही आईडी जारी करने को कहा। मेडिकल स्टोर वाले ने 5486.64 रुपए का बिल बनाया। उसने बताया कि आपका बिल टैक्स काटकर 4995 रुपए का बना है। इसका 50 प्रतिशत 2494 रुपए है। 200 रुपए डॉक्टर की फीस है। 2304 रुपए का घरेलू सामान दे दिया।
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