दूसरी ओर राजफैड के माध्यम से सहकारी क्रय-विक्रय, ग्राम सेवा व फल-सब्जी मंडी में सरसों की खरीद कराई जा रही है। वहीं सरकार की ओर से पूर्व में ही केंद्रों को सरसों खरीद के लक्ष्य निर्धारित किए थे। इनमें से कुम्हेर, डीग, नदबई, रूपवास और रुदावल में खरीद केंद्रों पर लक्ष्य की पूर्ति हो गई है। इसके चलते अब किसान यहां सरसों का विक्रय नहीं कर सकेंगे। शेष सात या आठ केंद्रों पर सरसों खरीद की प्रक्रिया लक्ष्य पूर्ति तक जारी रहेगी।
गौरतलब है कि एक अपे्रल से तीस जून तक जिले के 13 सहकारी व ग्राम सेवा सहकारी क्रय-विक्रय केद्रों और मंडी में सरसों का क्रय किया जाएगा। इसमें 4200 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से सरसों विक्रय के लिए 37983 किसानों ने पंजीयन कराया है। अब जिन किसानों को मैसेज मिल रहा है वहीं सरसों को बचने के लिए केंद्रों पर पहुंच रहे हैं।
खसरा गिरदावरी की नकल सात अपे्रल तक पुन: नहीं लगाने के कारण नहीं पहुंच पा रहे हैं। ऐसे किसानों से सरसों की खरीद नहीं की जाएगी। सूत्रों की मानें तो कुछ किसान स्वयं की इच्छा से भी केंद्रों पर नहीं पहुंच रहे हैं और कइयों को मैसेज नहीं मिला है। अगर मैसेज भी मिला है तो खसरा गिरदावरी की नकल ना होना सरसों विक्रय में बाधा बन रहा है। दूसरी ओर सात अप्रेल निकल चुकी है। इसलिए किसान चिंतित हैं।
सहकारिता विभाग के उपरजिस्ट्रार राजीव लोचन शर्मा ने बताया कि पंजीयन में गिरदावरी नकल लगाने की सात तारीख निकल गई है। यह राजफैड जयपुर से जारी हुई थी। वहीं से बढ़ाने या ना बढ़ाने का काम हो सकता है। वैसे पहले 5-5 किसानों से खरीद प्रक्रिया शुरू हुई थी। अब 10-10 हो गई है।