यह है आरोप पीडि़त महेशचंद पुत्र स्व. साहबसिंह गुर्जर निवासी श्रीनगर थाना सेवर हाल निवासी बजरंग नगर कुट्टा शीशम तिराहा भरतपुर ने बताया है कि उसके चाचा धर्मसिंह पुत्र रामजीलाल व ताऊ का लड़का बीरीसिंह पुत्र बच्चू, रामभरोसी पुत्र गोरधन माली, धीरज पुत्र सुरेश, शिवहरि शर्मा ने मुझे बंदी बनाया और 2003 में मेरा मृत्यु प्रमाण पत्र भी बनवा लिया। तभी से ये सभी मुझे अकेला नहीं रहने देते थे। अगर स्कूल भी जाता था तो साथ जाते थे। मां व पत्नी घर पर होते थे तो एक आदमी घर का पहरा देता था। पूर्व में मेरे पिता को चाचा साहब ने ही जहर देकर मारा था। बाबा ने 40 एयर भूमि व एक भूखंड मेरे नाम किया था। वह फर्जी प्रमाण पत्र बनवा कर इन्होंने अपने नाम करा लिया।
पांच माह बाद बंद हुई पेंशन पीडि़त महेशचंद ने बताया कि उसके पिता साहब सिंह का 13 जून 2019 को देहांत हो गया था। उसके बाद से ही परिवार आर्थिक तंगी से परेशान चल रहा है। एक वर्ष पूर्व हादसे में एक पैर से दिव्यांग हो गया। चिकित्सा विभाग से सर्टिफिकेट लेकर दिव्यांग प्रमाण पत्र बन गया। पांच महीने बाद पेंशन बंद होने पर बात की तो बैंक वालों ने बताया कि तुम्हारी तो रिकवरी होनी है। क्योंकि पेंशन चालू होने से पहले ही मृत्यु प्रमाण पत्र जारी हो गया था। जिला कलक्टर ने पीडि़त को उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।