एक बजरी माफिया ने पुलिस पर फायरिंग भी की। जब पुलिसकर्मियों ने पीछा किया तो बजरी माफिया ने पुलिस कर्मियों को भी धमकी दे डाली जबकि दो ट्रेक्टर ट्रॉली गिरीश विहार कॉलोनी में घुस गई। जहां पुलिस ने उन्हें घेरने का प्रयास किया तो बजरी माफिया ने वहां पर भी फायरिंग कर दी।
इसके बाद पुलिस करीब डेढ़ घंटे तक कॉलोनी के बाहर बजरी माफियाओं के आने का इंतजार करती रही जबकि बजरी माफिया खेतों के रास्ते से होकर हाइवे पर निकल गए। इस दौरान कॉलोनी के लोगों ने भी पुलिस का विरोध किया कि पुलिस डेढ़ घंटे तक कॉलोनी के बाहर खड़ी रही और बजरी माफिया भाग गई।
उल्लेखनीय है कि धौलपुर से चंबल की बजरी करीब एक दर्जन थाने व चौकियों के सामने से होकर ट्रेक्टर ट्रॉली है। यहां शहर में आती है लेकिन किसी भी थाने या चौकी के सामने से निकलने वाली ट्रेक्टर ट्रॉलियों को नहीं रोका जाता है। बजरी माफिया के हौसले इतने बुलंद है कि वह पुलिस पर फायरिंग करने से भी नहीं चूकते हैं। यही कारण है कि आए दिन भरतपुर जिले में धौलपुर की अवैध चंबल बजरी बेरोक आ रही है।
रूपवास में रोका तो बॉर्डर से वापस लौटे इधर, रूपवास थाने इलाके में घाटौली चौकी के पास प्रशिक्षु आईपीएस अधिकारी ब्रजेश उपाध्याय के नेतृत्व में पुलिस ने बजरी माफिया को रोका तो वह बजरी खला कर वापस धौलपुर की तरफ लौट गए। बजरी माफिया इससे पहले करीब 40 ट्रेक्टर-ट्रॉलियों को रोकने का प्रयास किया। पुलिस कार्रवाई को देख वह वापस लौट गए।
गौरतलब रहे कि रूपवास पुलिस की ढिलाई की वजह से बजरी माफिया आसानी से हाइवे से आगरा तक पहुंच रहा है। जबकि रूपवास इलाके में पूर्व एसपी अमनदीप सिंह कपूर के समय अस्थाई प्वाइंट लगाकर इन्हें रोकने का प्रयास किया गया था लेकिन बाद में अस्थाई प्वाइंट को हटा दिया गया।