जिले में 16 पंजीकृत गौशालाएं हैं, जहां पशुपालन विभाग आवारा गोवंश के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए गौशाला संचालकों को चारा-दाने की व्यवस्था के तौर पर अनुदान देता है। यह अनुदान गौशालाओं का सर्वे कर वहां रह रहे गोवंश की गणना के बाद छोटे बछड़े-बछड़ी को 16 रुपए व बड़े गोवंश के लिए 32 रुपए दिया जाता था।
नए वित्तीय वर्ष में निदेशालय के निर्देश पर विभाग ने अनुदान राशि में बढ़ोतरी की है, जो अब प्रति छोटे बछड़ा-बछड़ी को 20 रुपए व बड़े प्रति गोवंश के चारा-दाने के लिए 40 रुपए दी जाएगी। इसके लिए विभाग नए स्तर से सर्वे कराएगा। तब अनुदान राशि निर्धारित की जाएगी।
गौरतलब है कि वर्तमान में जिले की गौशालाओं में करीब 13 हजार गोवंश है। यह संख्या जनवरी में किए गए सर्वे में सामने आई थी। विभाग नियमानुसार एक पंजीकृत गौशाला में दो सौ या इससे अधिक गोवंश होने पर गौशाला संचालक अनुदान देता है। अब इनको मिलने वाली राशि बढ़कर दी जाएगी।
पशुपालन विभाग भरतपुर के संयुक्त निदेशक डॉ. नगेश चौधरी का कहना है कि नए वित्तीय वर्ष में अनुदान की राशि में बढ़ोतरी की गई है। पहले 16 व 32 रुपए प्रति गोवंश के हिसाब से दी जाती थी। अब सर्वे के बाद गौशाला संचालकों को 20 व 40 रुपए प्रति गोवंश के हिसाब से अनुदान दिया जाएगा।