उन्होंने कहा कि उनकी मांग वाजिब हैं, राज्य सरकार पूरी कर दे नहीं तो संघर्ष तो हम करेंंगे। उन्होंने कहा कि समाज का युवा वर्ग तैयार हैं लेकिन इस समय फसल कटाई का समय है इसलिए अब आंदोलन एक नवम्बर से पूरे प्रदेश में होगा। बैंसला ने इससे पहले मंच से आंदोलन शुरू करने को लेकर चर्चा की और सहमति मांगी। जिस पर फसल कटाई का समय होना बताया। इस पर कर्नल ने वार्ता करने के बाद आंदोलन का आगाज एक नवम्बर से शुरू करने का ऐलान किया।
कर्नल दोपहर करीब साढ़े तीन बजे बाद महापंचायत में पहुंचे। इससे पहले महापंचायत को कर्नल के पुत्र विजय बैंसला, कैप्टन हरप्रसाद, कैप्टन जगप्रसाद, अतर सिंह एडवोकेट, भूरा भगत, राजाराम अड्डा व पूर्व मंत्री विश्वेन्द्र सिंह के पुत्र अनिरुद्ध सिंह ने संबोधित किया। इससे पहले महापंचायत में राजाराज अड्डा ने कहा कि अभी फसल कटाई का समय है जिससे उन्हें कुछ दिन की मोहलत मांगी, जिस पर पंच-पटेल व समाज के लोगों से राय-मशविरा करके एक नवम्बर से पूरे प्रदेश में आंदोलन करने की घोषणा की गई।
पहले जाट नेता जो संघर्ष में साथ आए
कर्नल के पुत्र विजय बैंसला ने कहा कि अनिरुद्ध सिंह पहले जाट नेता है जो समाज के संघर्ष में साथ में खड़े हैं। जिस पर बाद में सिंह ने बताया कि उनके पिता विश्वेन्द्र सिंह का यहां पर नहीं आने की वजह पूर्व के आंदोलन में उनकी मौजदूगी में हुए समझौते की पालना नहीं होना है। ऐसे में वह यहां आकर समाज को क्या कहते।
छावनी बना रहा बयाना समेत आसपास का क्षेत्र
महापंचायत के चलते सुबह से बयाना उपखण्ड मुख्यालय पुलिस छावनी में तब्दील हो गया। सुबह से ही बड़ी संख्या में पुलिस बल व आरएसी, एसटीएफ के जवान शेरगढ़, समोगर, धाधरैन समेत अन्य प्रमुख मार्गों पर तैनात दिखे। वहीं, वरिष्ठ आईएएस नीरज के.पवन, जिला कलक्टर नथमल डिडेल, एसपी डॉ.अमनदीप सिंह कपूर अन्य अधिकारी डाक बंगला से महापंचायत पर नजर बनाए हुए थे। दिनभर आरपीएफ व जीआरपीएफ के जवान कोटा-दिल्ली रेलमार्ग पर मुस्तैद दिखे। हालांकि, रेल संचालन बदस्तूर जारी रहा।