150 गोवंश की क्षमता और मौके पर मिला 350 गोवंश गौशालाओं में सर्दी के प्रभाव से गोवंश की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए पशुपालन विभाग ने गोवंश को प्रतिदिन चिकित्सा व्यवस्था दुरुस्त रखने के निर्देश मोबाइल यूनिट को दिए हैं। गोवंश आश्रय स्थल का निरीक्षण करने पर वहां 350 गोवंश पाया गया, जबकि यह स्थल 150 गोवंश के लिए ही पर्याप्त है। इस स्थिति में सर्दी के मौसम में गोवंश के बीमार होने की आशंका बढ़ जाती है। इस दौरान कुछ गोवंश बीमार पाया गया, जिसका उपचार मोबाइल टीम ने किया। वहीं गढ़ी सांवलदास गौशाला में निरीक्षण के दौरान गोवंश बीमार मिला और गौशाला परिसर में कीचड़ व गोवंश खुले में था। इसके चलते गौशाला व्यवस्थापक को व्यवस्थाएं सुधारने के निर्देश दिए।
अगर निरीक्षण कराएं तो पता चले हकीकत विभाग की ओर से जिले की गोशालाओं को लाखों रुपए का बजट अनुदान के माध्यम से दिया जा रहा है, लेकिन कभी भी वास्तविक रूप से इनका निरीक्षण तक नहीं किया जाता है। ऐसे में बेजुवान ही दर्द में तड़पते रहते हैं। चूंकि अफसर फौरी कार्रवाई कर इतिश्री कर देते हैं। अगर आवारा गोवंश की ओर से हमले में कोई घायल या मौत हो जाती है तो खूब हल्ला होता है, लेकिन इस समस्या का स्थायी समाधान कराने के लिए कभी विचार नहीं किया जाता है। अगर विचार किया जाता तो नगर निगम की ओर से लंबे समय से निर्माणाधीन इकरन की गोशाला का काम ही पूरा करा दिया जाता।