भरतपुर

डेंगू से मौतों के बाद जागे माननीय

– एक माह बाद याद आई मौसमी बीमारी, ग्रामीण इलाकों में हालात बदतर, एसी चैंबरों में बैठे अफसरों को नहीं सुध

भरतपुरOct 15, 2021 / 04:31 pm

Meghshyam Parashar

डेंगू से मौतों के बाद जागे माननीय

भरतपुर. कोरोना की तबाही के बाद अब डेंगू के डंक ने लोगों को डरा दिया है। खास तौर से नौनिहाल इससे बेहाल हैं। डेंगू अब तक कई बच्चों की जान ले चुका है, लेकिन माननीय की तंद्रा मौसमी बीमारियों को लेकर एक माह बाद टूटी है। जिले में एक माह पहले मलेरिया और डेंगू की दस्तक हो चुकी है, लेकिन प्रदेश के चिकित्सा राज्यमंत्री एवं भरतपुर विधायक डॉ. सुभाष गर्ग ने मंगलवार को मरीजों की सुध लेते हुए चिकित्सा अधिकारियों को नसीहत दी है। अब बेकाबू हुई बीमारी को थामने में चिकित्सा विभाग के पसीने छूट रहे हैं। हालांकि अभी जिले के अन्य विधानसभा क्षेत्रों के जनप्रतिनिधियों ने तो सुध ही नहीं ली है।
सितम्बर माह में बदले मौसम के मिजाज के बीच मौसमी बीमारियों ने दस्तक दे दी थी। सितंबर के पहले सप्ताह में ही डेंगू के मरीज मिलने लगे थे। इसके बाद लगातार मरीजों की संख्य में इजाफा होता गया और चिकित्सा विभाग की नींद नहीं टूटी। इसके बाद जानलेवा हुए डेंगू ने कई मासूमों की जिंदगी लील ली। अब लोगों में डर का आलम यह है कि बुखार होने पर भी लोग जिला अस्पताल की ओर दौड़ रहे हैं। इसके चलते यहां व्यवस्थाएं औंधे मुंह गिर पड़ी हैं। बीमारी बच्चों के लिए बेडों का इंतजाम नहीं हो पा रहा है तो कई बार आउटडोर में चिकित्सक नहीं मिलने से मरीजों के परिजन भटकते रहते हैं। इसको लेकर पत्रिका ने कई बार चेताया। इसके बाद अस्पताल प्रशासन ने अब बेड बढ़ाने की सुध ली है। खास बात यह है कि प्रदेश के चिकित्सा राज्य मंत्री पर भले ही पूरे प्रदेश का जिम्मा है, लेकिन उनके विधानसभा क्षेत्र के अस्पताल में अव्यवस्थाओं का आलम मरीजों को कचोट रहा है। अब करीब एक माह बाद डॉ. गर्ग ने मंगलवार को चिकित्सा अधिकारियों को व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं, लेकिन बेकाबू बीमारी फिलहाल थमने का नाम लेती नजर नहीं आ रही।
अखर ही गद्दे-चादरों की कमी

जनाना अस्पताल प्रशासन ने अस्पताल में बेडों की संख्या तो बढ़ा दी है। इससे मरीजों और उनके परिजनों को राहत मिली है, लेकिन गद्दे और चादरों की कमी अभी भी लोगों को अखर रही है। आलम यह है कि मरीजों के परिजनों को अपने घर से चादर एवं गद्दे की व्यवस्था करनी पड़ रही है। कई बेडों पर बिछे फटे गद्दे मरीजों को आहत करते नजर आ रहे हैं।
डेंगू कर चुका 200 का आंकड़ा पार

जिले की बात करें तो अब तक डेंगू के 200 से अधिक मरीज मिल चुके हैं। हालांकि सरकारी स्तर पर इससे मौतों की पुष्टि नहीं की जा रही है, लेकिन डेंगू से मौत भी हुई हैं। खास बात यह है कि अकेले भरतपुर शहर में सबसे ज्यदा डेंगू के पॉजिटिव मरीज मिले हैं, लेकिन सरकारी स्तर पर इंतजाम नाकाफी नजर आ रहे हैं। डेंगू के बेकाबू होने के बाद भी नगर निगम फोगिंग की सुध लेता नजर नहीं आ रहा है।
चिकनगुनिया ने भी दस्तक

जिले में डेंगू और मलेरिया के साथ चिकनगुनिया ने भी दस्तक दे दी है। जिले में इसके मरीज भी खूब सामने आ रहे हें। चिकित्सा विभाग इसे भयाभय नहीं बता रहा है, लेकिन बच्चे एवं बड़े इससे खूब पीडि़त हो रहे हैं।
विधायकजी गायब…गांवों में हालात हो रहे खराब

हकीकत यह है कि पिछले कुछ सालों की तुलना इस बार बुखार के मरीज भी अधिक हैं। लोगों का कहना है कि कुछ इलाकों में तो विधायक ही गायब हैं। ऐसे में लोगों को भी चाहिए कि विधायकों से अस्पतालों की हालत सुधारने व गांव-गांव में फैल रही इस बीमारी से बचाव के लिए इंतजार कराने के लिए दबाव बनाया जाए। ताकि उन्हें भी मालूम चले कि दौरे, शिलान्यास, स्वागत समारोह या भाषणबाजी से ज्यादा जरूरी है कि वे जन की पीड़ा का निराकरण करें। अब तक जहां कोरोनाकाल से सबक लेने के बाद भी चिकित्सा व्यवस्थाओं को नहीं सुधारा गया, इसके लिए जिम्मेदारों को भी ध्यान दिलाना होगा। यह भी जरूरी है कि दुकान के रूप में संचालित प्राइवेट लैब संचालकों को जांच का शुल्क निर्धारित कर पाबंद किया जाना चाहिए।
अब तक मिले डेंगू के मरीज
बयाना 26
भुसावर 14
डीग 14
नगर 7
नदबई 16
कुम्हेर 19
कामां 5
रूपवास 20
सेवर 13
भरतपुर 67
कुल 201
(स्रोत चिकित्सा विभाग)

चिकनगुनिया के मिले मरीज
बयाना 10
भुसावर 4
डीग 4
नगर 3
नदबई 6
कुम्हेर 3
कामां 2
रूपवास 6
सेवर 5
भरतपुर 10
कुल 53
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.