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मेरी छह लडक़ी हो गई हैं…मेरी सास मुझे परेशान करती है…छोड़ रही हूं मेरी दूधमुंही बेटी को पाल लेना!

locationभरतपुरPublished: May 26, 2023 06:59:06 pm

Submitted by:

Gaurav

यकीं तो नहीं होता है लेकिन आज भी कुछ परिवारों में बेटियां होने पर ताना मारा जाता है। लेकिन ताने से परेशान निष्ठुर मां ने ऐसा कदम उठाया…विश्वास नहीं होता है।

मेरी छह लडक़ी हो गई हैं...मेरी सास मुझे परेशान करती है...छोड़ रही हूं मेरी दूधमुंही बेटी को पाल लेना!

मेरी छह लडक़ी हो गई हैं…मेरी सास मुझे परेशान करती है…छोड़ रही हूं मेरी दूधमुंही बेटी को पाल लेना!

I have got six girls…my mother-in-law bothers me…I am leaving to take care of my milk-fed daughter!

-नवजात बच्ची को सरकारी जनाना अस्पताल के परिसर में बेंच पर असहाय छोड़ गई मां
-निष्ठुर कदम उठाने को मजबूर हुई मां ने साथ में छोड़े पत्र में लिखकर बताई व्यथा

भरतपुर. भले ही आज के युग में लडक़े-लडक़ी को समाज में बराबरी देने की बात की जाती है लेकिन लडक़े की चाह और लडक़ी को अभिशाप मान असमानता जैसी सामाजिक बुराई के उदाहरण आज भी देखने को मिल रहे हैं। राजस्थान के भरतपुर (bharatpur) जिले में लगातार छह लड़कियां होने पर प्रसूता मां कुछ घंटों पहले ही पैदा हुई छठी नवजात दूधमुंही बच्ची को अस्पताल परिसर में लावारिस छोड़ कर चली गई। निष्ठुर मां ने बच्ची के साथ एक कागज पर नोट भी छोड़ा जिसमें उसने उसकी सास के ताने से परेशान होकर ऐसा कदम उठाने को मजबूरी बताया।

क्या थे वे शब्द जो हो रहे वायरल…
‘मेरे छह लडक़ी हो गई हैं। इसलिए मेरी सास परेशान करती है। इसलिए यह कदम उठाया है। मेरी बेटी को पाल लो। तुम्हारा एहसान होगा। मुझे माफ कर दो…।’

कांपा होगा कलेजा!
ये शब्द लाचार मां ने कागज पर उकेरे तो उसका भी कलेजा एकबारगी कांपा होगा। लेकिन तानों से घुटते मां के दम ने ममता को इस कदर मजबूर कर दिया कि वह अपने कलेजे के टुकड़े को दूध की बोतल के साथ जनाना अस्पताल में छोड़ गई। गुरुवार रात्रि को अस्पताल परिसर में दुधमुंह बच्ची को अकेला देखा तो हर कोई छोडऩे वाले को कोसता नजर आया, लेकिन बेटी के पास मिले कागज के टुकड़े पर लिखे मां के दर्द ने हर आंख में आंसू ला दिए।

दूध की बोतल भी साथ में रखी…
यहीं नहीं मां ने बच्ची के पास दूध की बोतल भी रखी, ताकि वह भूख से नहीं तड़पे। साथ ही यहां कुछ कपड़े और एक पत्र भी छोड़ा। रात्रि को पुरानी बिल्डिंग के पास बच्ची के रोने की आवाज आई तो लोग उस ओर गए और दुधमुंही को तलाश किया। काफी देर तक बच्ची के परिजनों को तलाश किया, लेकिन यहां कोई नहीं मिला। इसके बाद यहां मिले पत्र ने सारी कहानी कह दी।

खुली बेंच पर लेटी मिली, रो रही थी
प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि वह अस्पताल परिसर से निकल रहा था। इस दौरान बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी। पहले तो माजरा कुछ समझ नहीं आया, लेकिन जब बिङ्क्षल्डग के पास जाकर देखा तो एक बच्ची खुले में बेंच पर लेटी मिली, जो रो रही थी। खुले में उसे मच्छर भी काट रहे थे। रामवीर ने हॉस्पिटल मैनेजमेंट को इसकी जानकारी दी और आसपास पता किया कि किसका बच्चा है, लेकिन परिजन नहीं मिले तो डॉक्टर्स उसे हॉस्पिटल में ले गए और बालिका को एडमिट कर दिया। बाद में पता चला कि इसकी मां इसे छोड़ गई है। बच्ची को हॉस्पिटल के एनआईसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया है। सूचना के बाद पुलिस बच्ची के परिजनों की तलाश कर रही है।
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