गर्मी शुरू होते ही दुधारू पशुओं में यह रोग पनपने लगता है। इसलिए निदेशालय के निर्देश पर विभाग ने एफएमडी-सीपी अभियान की शुरूआत पांच मार्च से कर दी गई, जिसे 15 अप्रेल तक चलाया जाएगा। इस अवधि तक विभाग को टीकाकरण करने का लक्ष्य 7 लाख 26 हजार दिया गया।
गौरतलब है कि जिले में करीब 8 लाख 36 हजार भैंस व 01 लाख 66 हजार गाय हैं। गर्मी के मौसम में इनके मुहं व पैर में छाले हो जाते हैं, जिससे ये आहार छोडऩे के साथ दूध देना भी बंद कर देते हैं। ऐसे में पशुपालकों की ओर से उपचार पर ध्यान नहीं देने की स्थिति में रोग जानलेवा साबित होता है। उपचार नहीं कराने पर इस रोग का संक्रमण अन्य पशुओं में भी लगने की संभावना रहती है। विभाग ने टीकाकरण को समय पर लक्ष्य अर्जित करने के उद्देश्य से जिले में 260 पशुधन सहायकों की टीम अलग-अलग लगाई। सरकार के लक्ष्य के अनुरूप विभाग को मिले 7. 26 लाख टीका लगाने के लक्ष्य में से 94.4 प्रतिशत अर्जित कर दिया है।
पशुधन सहायकों ने करीब 6.70 लाख टीके अब तक लगा दिए हैं। सूत्रों का कहना है कि तीन माह से छोटे बछड़ा-बछड़ी को टीकाकरण से दूर रखा जाता। इसके अलावा सात माह से अधिक गाय-भैंस के व्यावन की स्थिति में टीका नहीं लगाया जाता। संयुक्त निदेशक पशुपालन विभाग भरतपुर के डॉ. नगेश चौधरी का कहना है कि एफएमडी-सीपी टीकाकरण अभियान में मिले लक्ष्य के अनुरूप करीब 94 प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया है। शेष लक्ष्य भी समयावधि में पूरा कर दिया जाएगा।