यह है मामला शनिवार को प्रस्तावित लैपटॉप वितरण कार्यक्रम को लेकर कैबीनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने आपत्ति जता दी है। इसके बाद जहां नगर निगम प्रशासन मेयर अभिजीत कुमार के भोपाल से रवाना नहीं होने की बात कह रहा है तो वहीं पार्षद भी अचानक खड़े हुए विवाद से परेशान दिखाई दे रहे हैं। नगर निगम की ओर से शुक्रवार को ही सभी पार्षदों को बजट घोषणा के अनुसार शनिवार सुबह 11 बजे नगर निगम सभागार में लैपटॉप वितरण कार्यक्रम में शमिल होने के लिए निमंत्रण पत्र भेजे गए थे। कुछ असंतुष्ट पार्षदों ने प्रकरण के बारे में कैबीनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह को जानकारी दी। मंत्री सिंह ने नगर निगम के मेयर व अन्य अधिकारियों से बात कर उन्हें निर्देशित किया कि नगर निगम के ज्यादातर पार्षद लैपटॉप चलाना तक नहीं जानते हैं। जब लैपटॉप उनके काम के ही नहीं है तो उनका वितरण क्यों किया जाए। जितनी राशि लैपटॉप वितरण पर व्यय की गई है। उस राशि को आमजन के विकास कार्यों में व्यय किया जाए।
राजस्थान पत्रिका ने उठाया था मामला राजस्थान पत्रिका ने 12 फरवरी 2022 को जब नगर निगम की साधारण सभा की बैठक में लैपटॉप वितरण का निर्णय लिया गया था, उस समय भी इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था। इसमें कुछ पार्षदों ने भी लैपटॉप वितरण का विरोध किया था। इसके बाद चार मई 2022 को हुई बैठक में पार्षदों के एक बड़े गुट ने मेयर से लैपटॉप वितरण में देरी की शिकायत की थी तो सिर्फ राजस्थान पत्रिका ने ही सफाई की बात आते ही पार्षद बोले: मेयर साहब लैपटॉप हैं कहां शीर्षक से प्रमुखता से मामला प्रकाशित किया था।
फैक्ट फाइल -कुल लैपटॉप: 80
-मनोनीत पार्षद: 12
-पार्षद: 65
-लागत: करीब 40 लाख रुपए
-मनोनीत पार्षद: 12
-पार्षद: 65
-लागत: करीब 40 लाख रुपए