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अवैध खननकर्ताओं ने रॉयल्टी नाके में लगाई आग, की मारपीट

locationभरतपुरPublished: May 27, 2022 10:38:51 pm

Submitted by:

rohit sharma

रूपवास क्षेत्र के गांव महलपुर काछी में रॉयल्टी नाके पर शुक्रवार अवैध खननकर्ताओं ने रसीद कटवाने को लेकर नाकेदारों से मारपीट कर लूटपाट की और नाके में आग लगा दी।

अवैध खननकर्ताओं ने रॉयल्टी नाके में लगाई आग, की मारपीट

अवैध खननकर्ताओं ने रॉयल्टी नाके में लगाई आग, की मारपीट

भरतपुर. रूपवास क्षेत्र के गांव महलपुर काछी में रॉयल्टी नाके पर शुक्रवार अवैध खननकर्ताओं ने रसीद कटवाने को लेकर नाकेदारों से मारपीट कर लूटपाट की और नाके में आग लगा दी। घटना देख नाके के कर्मचारी जान बचाकर मौके से भाग निकले। वहीं घटना की जानकारी मिलने पर थाना पुलिस पहुंची और जानकारी ली। जानकारी के अनुसार महलपुर की ओर से करीब आधा दर्जन ट्रेक्टर चालक अवैध खनन कर पत्थर व स्टोन डस्ट भरकर बोकोली की ओर ले जा रहे थे। महलपुर काछी स्थित रॉयल्टी नाके पर नाकेदारों ने इन्हें रोककर रसीद कटवाने के लिए कहा। जिस पर ट्रेक्टर चालकों ने रसील कटवाने से मना करते हुए नाकेदरों से गाली गलौज करना शुरु कर दिया। जिस पर इन लोगों में हाथापाई हो गई। ट्रेक्टर चालक व सवार लोगों की संख्या ज्यादा होने पर इन लोगों ने नाकेदारों से मारपीट करना शुरु कर दिया। साथ ही अपने गांव में घटना की जानकारी देकर अन्य लोगों को भी बुला लिया। यह लोग लाठी डंडे व अन्य हथियार लेकर पहुंच गए। ग्रामीणों ने नाकेदारों की जमकर पिटाई की। साथ ही नाकेदारों को भगा-भगा कर पीटा। इतना ही नहीं इन लोगों ने नाके पर रखे रॉयल्टी की रसीदों के पैसों को भी लूट लिया। साथ ही नाके में आग लगा दी। जिस पर नाकेदारों ने बड़ी मुश्किल से भाग कर जान बचाई। वहीं ट्रेक्टर चालक अपने ट्रेक्टरों को लेकर फरार हो गए। मारपीट में रॉयल्टी नाके के पांच नाकेदार संजय चाहर, हेमेन्द्र, विनोद, गुरुदयाल व हरिकेश घायल हो गए।
बीएसएफ जवान को 18 साल मिला शहीद का दर्जा

कुम्हेर तहसील के गांव रारह निवासी वीरेंद्र को 18 साल बाद शहीद का दर्जा मिला है। शुक्रवार को बीएसएफ के अधिकारी कमांडर मनोज कुमार गांव राहर में वीरेंद्र सिंह के घर पहुंचे और शहीद का सम्मान दिया। अब शहीद के परिवार को केंद्र और राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली सभी सुविधाएं भी दी जाएंगी। वीरेंद्र सिंह 2004 में आंतकिया से मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए थे। गांव रारह निवासी वीरेंद्र 16 अगस्त 1994 में बीएसएफ में भर्ती हुए थे। साल 2004 में वीरेंद्र की पोस्टिंग 52वीं बटालियन में जम्मू-कश्मीर में थी। उस समय सूचना मिली कि अनंतनाग में एक मस्जिद में कुछ आतंकी छिपे हुए हैं। सूचना पर बीएसएफ ने इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया। इस दौरान जवान और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हो गई। जिसमें वीरेंद्र सिंह गोली लगने से घायल हो गए जिसकी बाद में मौत हो गई। गौरतलब रहे कि पहले बीएसएफ में शहीद होने वाले जवानों को शहीद का दर्जा नहीं दिया जाता था। लेकिन अब पैरामिलिट्री फोर्स में शहीद हुए जवानों को शहीद का दर्जा दिए जाने का प्रावधान है। वीरेंद्र सिंह को शहीद का दर्जा मिलने से रारह के ग्रामीणों ने खुशी जाहिर की।
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