बीएसएफ जवान को 18 साल मिला शहीद का दर्जा कुम्हेर तहसील के गांव रारह निवासी वीरेंद्र को 18 साल बाद शहीद का दर्जा मिला है। शुक्रवार को बीएसएफ के अधिकारी कमांडर मनोज कुमार गांव राहर में वीरेंद्र सिंह के घर पहुंचे और शहीद का सम्मान दिया। अब शहीद के परिवार को केंद्र और राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली सभी सुविधाएं भी दी जाएंगी। वीरेंद्र सिंह 2004 में आंतकिया से मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए थे। गांव रारह निवासी वीरेंद्र 16 अगस्त 1994 में बीएसएफ में भर्ती हुए थे। साल 2004 में वीरेंद्र की पोस्टिंग 52वीं बटालियन में जम्मू-कश्मीर में थी। उस समय सूचना मिली कि अनंतनाग में एक मस्जिद में कुछ आतंकी छिपे हुए हैं। सूचना पर बीएसएफ ने इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया। इस दौरान जवान और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हो गई। जिसमें वीरेंद्र सिंह गोली लगने से घायल हो गए जिसकी बाद में मौत हो गई। गौरतलब रहे कि पहले बीएसएफ में शहीद होने वाले जवानों को शहीद का दर्जा नहीं दिया जाता था। लेकिन अब पैरामिलिट्री फोर्स में शहीद हुए जवानों को शहीद का दर्जा दिए जाने का प्रावधान है। वीरेंद्र सिंह को शहीद का दर्जा मिलने से रारह के ग्रामीणों ने खुशी जाहिर की।