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Bharatpur News : भरतपुर जिले के इन तीन ब्लॉक में हर वर्ष अस्पताल के बजाय घरों पर होते हैं सैकड़ों प्रसव

locationभरतपुरPublished: Apr 18, 2019 08:19:17 pm

Submitted by:

shyamveer Singh

भरतपुर. सरकार की ओर से तमाम जागरुकता अभियान व प्रयासों के बावजूद सैकड़ों गर्भवती महिलाएं स्वास्थ्य केन्द्रों तक नहीं पहुंच पा रहीं। जागरुकता का अभाव व अन्य कारणों से हर वर्ष सैकड़ों प्रसव घरों पर हो रहे हैं।

In Bharatpur district, hundreds of births occur on homes every year

Bharatpur News : भरतपुर जिले के इन तीन ब्लॉक में हर वर्ष अस्पताल के बजाय घरों पर होते हैं सैकड़ों प्रसव

भरतपुर. सरकार की ओर से तमाम जागरुकता अभियान व प्रयासों के बावजूद सैकड़ों गर्भवती महिलाएं स्वास्थ्य केन्द्रों तक नहीं पहुंच पा रहीं। जागरुकता का अभाव व अन्य कारणों से हर वर्ष सैकड़ों प्रसव घरों पर हो रहे हैं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों की मानें तो बीते वर्ष (2018-19) भरतपुर जिले में कुल 1913 प्रसव घरों पर हुए। इनमें भी नगर ब्लॉक में सर्वाधिक प्रसव घरों पर हुए। इस संबंध में करीब तीन माह पूर्व जिला कलक्टर डॉ. आरुषि अजेय मलिक ने जिम्मेदारों को संस्थागत प्रसव बढ़ाने के निर्देश भी दिए थे।
घर व संस्थागत प्रसव में नगर अव्वल
विभागीय आंकड़ों के अनुसार जिले में वर्ष 2018-19 में कुल 1913 प्रसव घरों पर हुए। इनमें से अकेले नगर ब्लॉक में 743 प्रसव घरों पर दर्ज किए गए। जिले में नगर ब्लॉक में जहां घरों पर प्रसव सर्वाधिक दर्ज किए गए वहीं यहां पर संस्थागत प्रसव भी सर्वाधिक 8178 हुए। इसके साथ ही कामां में घरों पर प्रसव 627 और डीग में 258 हुए। अधिकारियों की मानें तो नगर, कामां व डीग मुस्लिम बहुल ब्लॉक हैं, जो कि संस्थागत प्रसव से कतराते हैं। हालांकि पहले की तुलना में अब यहां पर संस्थागत प्रसव काफी बढ़ा है।
जिले में घर पर प्रसव
ब्लॉक घर पर प्रसव संस्थागत प्रसव
नगर 743 8178
कामां 627 5004
डीग 258 2212
रूपवास 80 3494
कुम्हेर 73 1746
भुसावर 58 3940
बयाना 31 4286
नदबई 25 2007
सेवर 18 547
भरतपुर 00 11373
कुल 1913 42787

वर्जन-
संस्थागत प्रसव बढ़ाने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। मॉडल सब-सेंटर और बढ़ा रहे हैं। पीएचसी व सीएचसी पर भी संस्थागत प्रसव बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। जनता में संस्थागत प्रसव के प्रति जागरूक करने के लिए प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है। नगर,कामां व डीग में मुस्लिम बहुल क्षेत्र है, जो कि अस्पतालों में प्रसव कराने से कतराते हैं। पहले तो अस्पतालों पर और भी कम प्रसव कराते थे। अब हमने कामां, कैथवाड़ा व अन्य क्षेत्रों में मॉडल सब-सेंटर विकसित किए हैं, जिससे संस्थागत प्रसव बढऩे लगा है।
– डॉ. गोपाल शर्मा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, भरतपुर।
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