अब चुनौती ये… 1. हरेक कोरोना पॉजिटिव केस की स्टडी कर प्रशासन का संक्रमण चेन की पड़ताल करना मुश्किल है।
2. अभी एक भी कोरोना पॉजिटिव की संक्रमण चेन का रहस्य पता नहीं चल पाया है।
3. एक भी केस में यह तक बताया नहीं जा रहा है कि आखिर वह पॉजिटिव कब और कहां-कहां गया था। ताकि अन्य संपर्क में आए लोग खुद आएं।
सीमा सील: अब कामां, नगर एवं पहाड़ी जा सकेंगे न आ सकेंगे जिला कलक्टर ने उपखंड कामां, नगर एवं पहाड़ी में कोरोना पॉजिटिव केस पाए जाने के कारण कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए इन उपखण्डों की हरियाणा एवं उत्तरप्रदेश से लगती सीमाओं, अलवर जिले से लगती सीमा व भरतपुर जिले के नदबई तथा डीग उपखण्ड के आवागमन वाली सीमाओं को अग्रिम आदेश तक सील करने का आदेश दिया है। उन्होंने जिला पुलिस अधीक्षक को केवल मेडिकल तथा आवश्यक परिवहन में लगे वाहनों को छोड़कर सीमा पर समस्त वाहनों एवं व्यक्तियों के आवागमन को प्रभावी तरीके से रुकवाने के निर्देश दिए हैं।
क्वारेंटाइन व्यक्ति को हर दो घंटे में अपलोड करनी होगी सेल्फी
आठ बजे से रात्रि नौ बजे तक हर 2 घंटे में सेल्फी राजकोविड इन्फो एप पर अपलोड करनी होगी एवं ई-मेल पर सूचित करना होगा। राज्य सरकार ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की है। यदि कोई नागरिक चिकित्सा जांच में कोविड.19 से संक्रमित पाया जाता है या उसमें इसके लक्षण दिखाई देते है तो ऐसा व्यक्ति चिकित्सकीय परामर्श के अनुसार 14 दिन तक क्वारेंटाइन सेन्टर पर रहेगा। यदि किसी के पास एप एवं ई-मेल की सुविधा नहीं है तो ऐसे व्यक्ति की लोकेशन टेलीकॉम कम्पनी की सहायता से ट्रेस की जाएगी। इसके लिए क्वारेंटाइन व्यक्ति को पुलिस एवं चिकित्सा विभाग के प्रतिनिधि को मोबाइल नम्बर उपलब्ध कराने अनिवार्य होंगे। यदि कोविड.19 संक्रमित या इसके लक्षणों वाला व्यक्ति दिशा-निर्देशों की अवहेलना करता है तो उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 188 व आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के प्रावधानों के तहत दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी।
अमरूका में धरने में शामिल हुए लोगों की भी जांच जरूरी पहाड़ी. ग्राम पंचायत खेड़लीमन्ना के गांव जोधपुर में कोरोना संक्रमण का पॉजिटिव जमाती मिलने के बाद क्षेत्र में जीरो मोबिलिटी निषेधाज्ञा लगाई गई। कफ्र्यू के बाद प्रशासन शनिवार को पहली बार ताकत के साथ ड्यूटी निभाता दिखाई दिया। गांव के सभी रास्तो को सील कर दिया गया जहां पुलिस बल तैनात कर दिया गया। मेडिकल टीम ने घर घर पहुचकर सदिग्ध संक्रमित लोगों की जांच कर चिन्हित करने में जुटी है। साथ ही अमरूका में सीएए के विरोध में 45 दिन तक भीड़ जमा होती रही, इसमें भी कुछ जमाती शामिल हुए थे। यह धरना 23 मार्च को स्थगित हुआ था। इसमें शामिल हुए लोगों की जांच की बात भी सामने आ रही है।