संग्रहालय में पुरावस्तुओं की निगरानी के लिए वर्ष 2012-13 में चहुंओर 13 कैमरे लगाए थे। इस तीसरी आंख ने वर्ष 2015 तक सुचारू रूप से कार्य किया। इसके बाद वर्ष 2016 में यूपीएस में खराबी आने से सभी कैमरों ने कार्य करना बंद कर दिया। अब ये कैमरे पुरावस्तुओं की निगरानी और पर्यटकों के सामान की देखभाल की हद से दूर हो गए हैं।
गौरतलब है कि सरकार ने सितम्बर 2016 में संग्रहालय के संरक्षण एवं जीर्णोद्धार के लिए करीब 3 करोड़ 88 लाख रुपए बजट स्वीकृत किया था। इस बजट से संग्रहालय की सफाई, छतरियों का जीर्णोद्धार, डिस्प्ले, रंग-रोगन, फव्वारे संचालन, साइनेज, इतिहास के लिए सूचना केंद्र की स्थापना, म्यूजियम शॉप, कमराखास, बारादरी, दरबार हॉल, चमन बगीची आदि का जीर्णोद्धार कराया।
बावजूद इसके कैमरे सुचारू नहीं हो सके। संग्रहालय अध्यक्ष हेमेंंद्र कुमार अवस्थी का कहना है कि भरतपुर संग्रहालय में काफी समय से सीसीटीवी कैमरे सुचारू नहीं हैं। इन्हें दुरुस्त कराने के लिए निदेशालय को पत्र लिखा है। शीघ्र ही कैमरे सही हो जाएंगे।