यहां हुई 3 लाख,53 हजार,630 रुपए की राजकीय हानि
-कासौट ग्राम पंचायत में मुख्य सड़क से भीमा प्रधान के मन्दिर की ओर (नाहर का बास) पक्की नाली निर्माण कार्यमें 14 किलो लोहे के जाल का भुगतान किया गया, जो मौके पर नहीं पाया गया, न गुमनामी की रिपोर्ट प्राप्त हुई।-30,839 रुपए की राजकीय हानि
-प्रेम के घर से पोखर की ओर नाहर का बास कासौट तक पक्की नाली निर्माण में 163.60 किलो लोहे के जाल का भुगतान किया गया जो कि मौके पर नहीं मिला- 10,205 रुपए की हानि
-इन्द्रजीत बाबा के घर से गजराज की पोखर की ओर (कासौट) पक्की नाली निर्माण में 440 किलो लोहे के जाल का भुगतान किया, जो मौके पर नहीं मिला-27,408 रुपए हानि
-रणजीत के घर से पोखर की ओर बड़ावास (कासौट) तक 222.96 मीटर लम्बाई के स्थान पर 148.80 मीटर नाली निर्माण पाया गया- 68,191 रुपए की हानि
– कासौट गांव के कुन्दन पंडित के घर से रामेश्वर के घर की ओर नाली निर्माण कराए बिना ही 1 लाख, 8 0,414 रुपए का भुगतान कर दिया गया।
-तस्सो के घर से कुमरपाल के मकान तक बड़ावास (कासौट) 136.25 मीटर लम्बाई इंटरलॉकिंग खरन्जा मय नाली के स्थान पर 124 मीटर की निर्माण मिला- 30,275 रुपए की हानि
-ओमी के कमरा से पोखर की ओर 157.88 मीटर के स्थान पर 149 मीटर ही पक्की नाली निर्माण- 6,298 रुपए हानि।
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने पंचायत समिति डीग क ेविकास अधिकारी को जांच में दोषी पाए गए सरपंच, सहायक अभियंता समेत सभी सात राशि वसूलने के निर्देश दिए हैं।
– मछला देवी, सरपंच कासौट से-88,407 रुपए
-गोपाल प्रसाद बघेल, सहायक अभियंता, पं.स.डीग से-88,407 रुपए
-महावीर ग्राम सेवक एवं पदेन सचिव से-35,735.25 रुपए
-हाकिम सिंह ग्राम सेवक एवं पदेन सचिव से-45,103.50 रुपए
-वीरेन्द्र सारस्वत, ग्राम सेवक एवं पदेन सचिव से-7568.75 रुपए
-रमेश सैनी, कनिष्ठ तकनीकी सहायक से-80,838.75 रुपए
-मुरारी लाल, कनिष्ठ तकनीकी सहायक से-7,568.75 रुपए
पत्रिका ने उजागर किया था मामला
गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका के 24 जून 2019 के अंक में ‘कासौट में 5.5 माह की अवधि के कार्य एक सप्ताह में पूरे, भुगतान में भी हुई अनियमितता’ शीर्षक से खबर प्रकाशित कर पूरे मामले को उजागर किया था। खबर में बताया गया था कि कासौट निवासी रिंकू सिनसिनवार की शिकायत पर जिला कलक्टर(सतर्कता) के आदेश पर सार्वजनिक निर्माण विभाग(पीडब्ल्यूडी) की टीम द्वारा कासौट के विकास कार्यों की जांच की गई। जांच में अनियमितता उजागर हुई,। पत्रिका में खबर प्रकाशित होने के बाद अब दोषी पाए गए सात के खिलाफ राशि वसूलने व दो कनिष्ठ तकनीकी सहायकों की संविदा समाप्ति के आदेश दिए गए हैं।