भरतपुर

बीडीओ ने जिनको अपात्र घोषित कर दिया, श्रम निरीक्षक ने उन्हीं की फाइलें कर दीं स्वीकृत

भरतपुर. सरकार की ओर से श्रमिकों के लिए चलाई जा रहीं विभिन्न लाभकारी योजनाओं का लाभ असली हकदारों को नहीं मिल पा रहा। योजनाओं के लिए पात्र हिताधिकारी लम्बे समय तक लाभ के लिए इंतजार करते रहते हैं और अधिकारी अपात्रों को योजनाओं का लाभ दिला रहे हैं।

भरतपुरDec 23, 2018 / 07:29 pm

shyamveer Singh

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भरतपुर. सरकार की ओर से श्रमिकों के लिए चलाई जा रहीं विभिन्न लाभकारी योजनाओं का लाभ असली हकदारों को नहीं मिल पा रहा।
योजनाओं के लिए पात्र हिताधिकारी लम्बे समय तक लाभ के लिए इंतजार करते रहते हैं और अधिकारी अपात्रों को योजनाओं का लाभ दिला रहे हैं। श्रम विभाग के अधिकारियों की नियमविरुद्ध स्वीकृत की गईं ऐसी ही फाइलों का खुलासा हुआ है, जिनमें कई आवेदकों को बीडीओ ने अपात्र घोषित कर दिया, फिर भी श्रम निरीक्षकों ने अपात्र आवेदकों की फाइलों को नियमों को ताक पर रखकर स्वीकृत कर दिया। पेश है पत्रिका की खास रिपोर्ट-
बीडीओ को किया था अधिकृत
असल में राज्य सरकार ने न्याय आपके द्वार-2018 की अवधि तक प्रदेश के भरतपुर समेत 23 जिलों की पंचायत समितियों में कार्यरत विकास अधिकारियों (बीडीओ) को मण्डल की योजनाओं के आवेदनों का निस्तारण करने के लिए अधिकृत किया गया था। जिसकी अवधि बाद में 31 दिसम्बर 2018 तक बढ़ा दी गई। ऐसे में श्रम विभाग की योजनाओं के विभिन्न आवेदन जांच के लिए बीडीओ के पास पहुंचे, जिनमें से कुछ आवेदकों को जांच के बाद अपात्र घोषित कर दिया गया। लेकिन बाद में उन्हीं अपात्र आवेदकों की फाइलों को श्रम विभाग के अधिकारियों ने नियमविरुद्ध स्वीकृत कर दिया।
केस-1
रन सिंह नामक व्यक्ति ने निर्माण श्रमिक शिक्षा व कौशल विकास योजना के तहत 26 मार्च 2017 को फाइल (रजिस्ट्रेशन नम्बर- बी5/2017/0010280) लगाई। फाइल में लगाई गई मार्कशीट में परिणाम की तिथि ही नहीं थी, साथ ही नाम भी नहीं था। ऐसे में वैर बीडीओ ने प्रार्थी को 1 अक्टूबर 2017 को अपात्र घोषित कर दिया। लेकिन बावजूद इसके श्रम निरीक्षक माधव गोस्वामी ने अपात्र घोषित किए गए प्रार्थी की फाइल को 9 जून 2018 में स्वीकृत कर दिया।
केस-2
अनिल कुमार बंसल नामक व्यक्ति ने निर्माण श्रमिक शिक्षा व कौशल विकास योजना के तहत 30 मार्च 2017 को फाइल (रजिस्ट्रेशन नम्बर- बी5/2016/0219626) लगाई। फाइल वैर बीडीओ के पास पहुंची। वैर बीडीओ ने जांच के बाद 10 जून 2017 को प्रार्थी को अपात्र घोषित कर दिया। बावजूद इसके श्रम निरीक्षक माधव गोस्वामी ने उक्त अपात्र प्रार्थी की फाइल को 6 जून 2018 को स्वीकृती प्रदार कर दी।

पात्रों को लम्बे समय से इंतजार
श्रम विभाग की कई योजनाओं के आवेदकों को बीडीओ ने अपात्र घोषित कर दिया था। ऐसे में वो आवेदक योजनाओं का लाभ नहीं ले सकते थे लेकिन उन्हीं अपात्र आवेदकों की फाइल श्रम निरीक्षकों व अन्य अधिकारियों ने स्वीकृत कर दीं, जो कि गलत था। जबकि कई पात्र आवेदकों को लम्बे समय से सरकारी योजनाओं का लाभ मिलने का इंतजार है।
राजू राठी, महासचिव, भवन निर्माण मजदूर यूनियन(एटक), भरतपुर।

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