scriptमुश्किल वक्त था, लेकिन हौसला भी सख्त था | It was a difficult time, but the courage was also tough | Patrika News

मुश्किल वक्त था, लेकिन हौसला भी सख्त था

locationभरतपुरPublished: May 17, 2021 03:57:16 pm

Submitted by:

Meghshyam Parashar

-टीएम परिवार ने दी कोरोना को मात, सीखिए इनसे…दो परिजनों की मौत के बाद भी नहीं मानी हार

मुश्किल वक्त था, लेकिन हौसला भी सख्त था

मुश्किल वक्त था, लेकिन हौसला भी सख्त था

भरतपुर. कोरोना का क्रूर साया परिवार पर पड़ा तो सब कुछ थम सा गया। एक के बाद एक हुए पॉजिटिव के चलते एक-दूसरे की देखभाल और सार-संभाल तो दूर उनके पास जाने में भी गाइडलाइन की बंदिशें थीं। दो जनों की मौत ने परिवार को हिलाकर रख दिया। यह परिवार के लिए बेहद मुश्किल वक्त था, लेकिन इस बीच भी परिवार एक-दूसरे की हिम्मत था। सब एक-दूसरे के लिए फिक्रमंद थे और हौसला बढ़ाने का काम कर रहे थे। यह परिवार के हौसलों का ही नतीजा था कि सब इस महामारी को मात देकर स्वस्थ हो गए। यह कहना है नगर निगम के पूर्व डिप्टी मेयर व टीएम ग्रुप के इन्द्रपाल सिंह का।
शहर में टीएम मोटर्स के पास रहने वाले इन्द्रपाल सिंह बताते हैं कि परिवार के एक दर्जन लोग कोरोना की चपेट में आ गए। इसकी शुरुआत अक्टूबर 2020 में हुई। रंजीत सिंह (56) पहले संक्रमित हुए तो पूरा परिवार विचलित हो उठा। वजह, कोरोना का डर उस समय बहुत ज्यादा था। रंजीत सिंह के स्वास्थ्य को लेकर सब लोग उनकी देखरेख और इलाज में लग गए। इसके बाद जो भी उनके संपर्क में आए वह सब पॉजिटिव हो गए। इलाज के दौरान नवम्बर माह में रंजीत सिंह एवं इनकी मां महेन्द्र कौर (78) की मौत हो गई। यह परिवार के लिए बड़ा सदमा था। ऐसे में परिवार बिखर सा गया, लेकिन सभी के मन में ख्याल अन्य जिंदगियों को बचाने का था, सो परिवार ने हौसला बनाए रखा। खास बात यह है कि परिवार के चार अन्य सदस्य अलग-अलग हॉस्पिटल में भर्ती रहे। इन्द्रजीत सिंह बताते हैं कि यह सदमे का ही नतीजा था कि कुछ लोग जल्द रिकवर नहीं हो सके। ऐसे में डॉ. गुरदीप सिंह खुद दो माह में रिकवर हुए। इन्द्रजीत सिंह कहते हैं कि इस कठिन समय में परिवार एक-दूसरे की ताकत बन गया। एक-दूसरे की हिम्मत बढ़ाने के साथ सब एक-दूजे के साथ खड़े रहे। इसका नतीजा यह रहा कि परिवार के बाकी सदस्य कोरोना को हराने में कामयाब हो गए।
बरती सावधानी, सकारात्मक रखी सोच

कोरोना के संकट काल में परिवार ने पूरी तरह सावधानी रखी। इनमें से कईयों ने हॉस्पिटल में रहकर उपचार लिया तो अन्य लोग घर पर ही आइसोलेट हो गए। खान-पान और दवाओं का पूरी तरह से ध्यान रखा। हर तीसरे दिन जांच कराई। इस दौरान सभी एक-दूसरे को समय पर दवा और खाना खाने की नसीहत देते रहे। इस मुश्किल वक्त में सभी ने अपनी सोच को सकारात्मक बनाए रखा। इसके बलबूते सभी इस मुश्किल वक्त से बाहर निकलकर स्वस्थ हो सके।
सावधानी में ही समझदारी

पूर्व डिप्टी मेयर इन्द्रजीत सिंह कहते हैं कि कोरोना को हराने में सावधानी ही सबसे बड़ी समझदारी है। वैक्सीन आने के बाद पूरे परिवार ने वैक्सीन लगवाई है। इससे परिवार सुरक्षित हुआ है। दूसरी लहर में उम्रदराज व्यक्ति घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं, जो जरूरी काम से बाहर निकल रहे हैं, वह दो मास्क लगाकर लगा रहे हैं। इसके अलावा परिवार अन्य सावधानी भी बरत रहा है।
परिवार के यह लोग हुए संक्रमित

मां महेन्द्र कौर (78) व रंजीत सिंह (56) की मौत हुई। इसके अलावा डॉ. गुरदीप सिंह (60), डॉ. सतेन्द्र कौर (55), रंजीत सिंह (56) मौत, इन्द्रपाल सिंह (57), डॉ. चवनीत सिंह (33), रूपेन्द्र कौर (52), रशनीत सिंह (28), आशवीन कौर (25), हीरा सिंह (55), इन्द्रपाल सिंह (57), हरनीक (24 ), भंाजा सवनीत सिंह (27) संक्रमित होने के बाद रिकवर हो गए।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो