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बाल संप्रेषण गृह में शराब पार्टी, आवासित बोला: जेल मेरी और मेरे बाप की…

locationभरतपुरPublished: Dec 02, 2020 02:08:24 pm

Submitted by:

Meghshyam Parashar

-बड़ा सवाल…बाल सुधार गृह या बिगाड़ गृह, संबंधित अधिकारियों को दो दिन तक पता ही नहीं चला-जिला कलक्टर तक को नहीं दी समय पर जानकारी, मामले को दबाने की कोशिश में जुटे रहे अधिकारी

बाल संप्रेषण गृह में शराब पार्टी, आवासित बोला: जेल मेरी और मेरे बाप की...

बाल संप्रेषण गृह में शराब पार्टी, आवासित बोला: जेल मेरी और मेरे बाप की…

भरतपुर. सरसों अनुसंधान निदेशालय के पीछे स्थित राजकीय बाल संप्रेषण गृह में आवासितों ने शराब पार्टी कर 22 मिनट 41 सेकंड तक सोशल मीडिया पर लाइव वीडियो वायरल किया, लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि दो दिन तक संबंधित विभाग के अधिकारियों को इस प्रकरण का पता तक नहीं चला। वीडियो में आवासित खुलेआम शराब की बोतल दिखाते हुए प्लास्टिक की बोतल के माध्यम से बने हुक्का पीते दिखाई दे रहे हैं। मामला राजस्थान पत्रिका के पास आने के बाद जब इसकी पड़ताल की गई तो चौंकाने वाला सच सामने आया। इस प्रकरण को लेकर खुद विभाग के ही अधिकारी दबाव की राजनीति करते नजर आए।
जानकारी के अनुसार 28 नवंबर की शाम सात बजकर 11 मिनट पर गांव बरताई के युवक के नाम से बने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक लाइव किया गया है। करीब 22 मिनट 41 सेकंड तक लाइव किया गया। इसमें बाल सुधार गृह में आवासित खुलेआम कहते दिख रहे हैं कि जेल में पार्टी हो रही है। यहां ऐसे ही चलेगा। लाइव वीडियो में आवासित गांजा की सिगरेट, हुक्का पीते दिख रहे हैं। जबकि शराब की बोतल भी बार-बार हाथ में लेकर दिखा रहे हैं। बात यहां तक ही खत्म नहीं होती, पहले खुद विभाग की ओर से इस मामले की जानकारी दो दिन तक हुई ही नहीं। जब प्रकरण का खुलासा हुआ तो इसे दबाने की कोशिश शुरू कर दी गई। जिन्हें इस प्रकरण के बारे में पता था, उन पर दबाव डालना शुरू कर दिया गया। इतना ही नहीं खुद जिला कलक्टर को भी इस प्रकरण की जानकारी नहीं दिए जाने की बात सामने आई है। उल्लेखनीय है कि राजकीय बाल संप्रेषण गृह में दो तरह के आवासितों को रखा जाता है। इसमें अंडर ट्रायल व 18 से 21 वर्ष तक के आवासित शामिल हैं। फिलहाल यहां 13 बच्चे व अन्य 24 आवासित हैं।
जेल है…मेरे और मेरे बाप के नाम करा लेंगे रजिस्ट्री

जब इस लाइव वीडियो की पड़ताल की गई तो सामने आया कि लाइव वीडियो में एक बाहरी शख्स भी जुड़ा हुआ है। हुक्का व शराब सेवन के कारण आवासित आपस में तरह-तरह की बात करते दिखाई पड़ रहे हैं। इसमें एक आवासित दूसरे एक आवासित को जेल का मुखिया बताते हुए उनके जन्मदिन पर पार्टी देना बता रहा है। जबकि एक आवासित कह रहा है कि यह कोई जेल है, यहां तो सबकुछ ऐसे ही चलेगा। भले ही कुछ भी हो जाए, जेल हमारी और हमारे बाप की, करा लेंगे इसकी रजिस्ट्री।
मतलब अंदर तक आसानी से पहुंच रहे मादक पदार्थ

इस लाइव वीडियो के सामने आने के बाद यह स्पष्ट हो चुका है कि राजकीय बाल संप्रेषण गृह का मकसद भले ही आवासितों में सुधार के साथ उन्हें अपराध के दलदल से बाहर निकालना है, लेकिन यहां आसानी से मादक पदार्थ व मोबाइल अंदर तक पहुंच रहे हैं। बाहर इतनी सिक्योरिटी होने के बाद आसानी से प्रतिबंधित सामग्री का पहुंचना भी बड़ी बात है। यह जांच का भी विषय है कि आखिर यह कितने महीने व कितने सालों से चल रहा है। आखिर किस कर्मचारी या अधिकारी की मिलीभगत से यह सारा खेल चल रहा था।
हर बार जांच के नाम पर मिलती है क्लीन चिट

बाल संप्रेषण गृह में लापरवाही यह पहला मामला नहीं है कि जब प्रबंधन की कार्यशैली पर सवाल खड़ा हो रहा है। इससे पहले भी कुछ साल पहले जब राजकीय बाल संप्रेषण गृह जवाहर नगर में किराए के भवन में संचालित था, उस समय आवासितों के साथ यौन शोषण के आरोप का मामला सामने आया था। अब जब यह सरसों अनुसंधान केंद्र पीछे खुद के भवन में संचालित हो रहा है तो कभी गृह से खिड़कियां तोड़कर तो कभी कुछ तोड़कर आवासितों के भागने के दर्जनों केस पिछले कुछ साल के अंदर सामने आ चुके हैं। हर बार जांच के नाम पर खानापूर्ति की जाती है और आसानी से क्लीन चिट मिल जाती है।

-बिल्कुल यह लाइव वीडियो दो दिन पुराना है। जिसके माध्यम से यह वायरल हुआ है उसे अन्य जेल/गृह में शिफ्ट कराने की प्रक्रिया अपनाई जा रही है। किसके सहयोग से यह प्रतिबंधित सामग्री अंदर तक पहुंची और कौन-कौन इसमें शामिल है। इसकी जांच कराई जा रही है। निदेशक को भी इस प्रकरण से अवगत कराया गया है। दोषियों के खिलाफ अवश्य कार्रवाई की जाएगी।
पूरन सिंह
सहायक निदेशक, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग

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