संयोजक नेमसिंह फौजदार ने बताया कि मांग पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा। उधर, जिला पुलिस अधीक्षक केसर सिंह शेखावत ने बताया कि आरक्षण आंदोलन से जुड़े समस्त प्रकरणों की समीक्षा उपरांत पुन: वापस लिया जाना राज्य सरकार के समक्ष प्रक्रियाधीन है। उनके संज्ञान में ऐसा कोई प्रकरण सामने नहीं आया है जिसमें युवा को इस कारण रोजगार से वंचित किया गया हो कि वह जाट आरक्षण आंदोलन से जुड़े किसी प्रकरण की एफआईआर में नामजद था।
गौरतलब है कि सोशल साइट पर देर शाम कुछ ग्रुपों में यह प्रचारित किया जा रहा था कि जाट आरक्षण आंदोलन में दर्ज मुकदमों की वजह से कुछ युवाओं को रोजगार से वंचित होना पड़ा है।
जाट नेताओं ने कहा-समस्या दूर नहीं हुई तो नहीं देंगे भाजपा वोट भरतपुर-धौलपुर जिलों में जाटों के आरक्षण में हो रही दिक्कत को लेकर जाट समाज समिति के अध्यक्ष उदयभान सिंह ने कहा कि अधिकारी दोहरी नीति अपना रहे हैं। आरक्षण होने के बाद भी टालमटोल कर रहे हैं। इस वजह से युवाओं को नौकरी से वंचित होना पड़ रहा है। उन्होंने इस मामले में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से हस्पक्षेप का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने हमारी बात नहीं मानी तो आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा को वोट नहीं देंगे। वर्ष 2013 में विज्ञापित भर्तियों (मोटर वाहन उप निरीक्षक भर्ती, शारीरिक पशिक्षक भर्ती, नर्स ग्रेड द्वितीय, कनिष्ठ अभियंता अभियांत्रिकी और जल संसाधन विकास-2016) को ओबीसी कोटे में देने की मांग की।