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गजब! दो इंजीनियरिंग कॉलेज, न स्टाफ और न प्राचार्य, छात्र सिर्फ 15

locationभरतपुरPublished: Dec 27, 2017 05:53:51 pm

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भरतपुर के इंजीनियरिंग कॉलेज परिसर में ही संचालित हो रहे करौली व धौलपुर के इंजीनियरिंग कॉलेज

Bharatpur news,
श्यामवीर सिंह गड़ासिया/ भरतपुर। दो इंजीनियरिंग कॉलेज ऐसे हैं जिनमें न तो पढ़ाने के लिए स्टाफ है और न ही प्राचार्य। छात्र संख्या भी दोनों में मिलाकर सिर्फ 15 है। हम बात कर रहे हैं भरतपुर इंजीनियरिंग कॉलेज परिसर में संचालित करौली व धौलपुर के इंजीनियरिंग कॉलेजों की। ये दोनों ही कॉलेज न केवल भरतपुर इंजीनियरिंग कॉलेज परिसर में संचालित हो रहे हैं बल्कि कॉलेज के विद्यार्थियों की पढ़ाई व कॉलेज संचालन का जिम्मा भी भरतपुर का स्टाफ व प्राचार्य उठा रहे हैं।
करौली में 7 व धौलपुर में 8 विद्यार्थी
करौली इंजीनियरिंग कॉलेज में मैकेनिकल, सिविल, कम्प्यूटर साइंस, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रोनिक्स एण्ड कम्युनिकेशन ब्रांच और धौलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज में मैकेनिकल, सिविल, माइनिंग , इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रोनिक्स एण्ड कम्युनिकेशन ब्रांच हैं। प्रत्येक ब्रांच में 60-60 सीट यानी दोनों कॉलेजों में कुल 300-300 सीट हैं। लेकिन आश्चर्य की बात है कि करौली इंजीनियरिंग कॉलेज में सिर्फ 7 विद्यार्थी और धौलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज में 8 विद्यार्थी ही अध्ययनरत हैं।
भरतपुर कॉलेज के छात्रों के साथ ही लगती हैें कक्षाएं
करौली व धौलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज में छात्र संख्या कम होने व स्टाफ नहीं होने की वजह से विद्यार्थियों की पढ़ाई का जिम्मा भी भरतपुर इंजीनियरिंग कॉलेज का स्टाफ ही उठाता है। उक्त दोनों कॉलेजों के विद्यार्थियों की कक्षाएं भी भरतपुर कॉलेज के छात्रों के साथ ही लगती हैं।
तीन कॉलेजों पर एक प्राचार्य
करौली व धौलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज में स्टाफ के साथ ही प्राचार्य की नियुक्ति भी नहीं हो पाई है। ऐसे में भरतपुर इंजीनियरिंग कॉलेज प्राचार्य डॉ. रणजीत सिंह पर ही उक्त दोनों कॉलेजों की भी जिम्मेदारी है। ऐसे में डॉ. रणजीत सिंह तीन कॉलेजों के प्राचार्य का जिम्मा उठा रहे हैं।
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करौली व धौलपुर इंजीनियरिंग कॉलेजों में 7 व 8 विद्यार्थी हैं। दोनों कॉलेजों में स्टाफ व प्राचार्य नहीं हैं इसलिए हमारे कॉलेज का स्टाफ ही विद्यार्थियों को पढ़ाता है। दोनों कॉलेजों के विद्यार्थियों की कक्षाएं हमारे कॉलेज के विद्यार्थियों के साथ ही लगती हैं।
– डॉ. रणजीत सिंह, प्राचार्य, राजकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय, भरतपुर
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