यह एक स्टेज पर जाकर जानलेवा हो सकता है। ऐसे में इसके प्रति सजगता बेहद जरूरी है। खास तौर से संक्रमण से बचना सेहत को महफूज रख सकता है। यह रक्त के जरिए शरीर में प्रवेश कर जाता है। टेटू गुदवाने में सुई का उपयोग होता है। यह शौक लोगों को भारी पड़ सकता है। संक्रमित व्यक्ति के बनाए गए टेटू से संक्रमित सुई यदि आपको चुभी तो यह जिंदगी के लिए भारी पड़ सकती है। अब सरकार अभियान चलाकर लोगों को इसके लिए जागरूक कर रही है, जो 28 जुलाई तक चलेगा।
आमतौर पर धारणा होती है कि वायरल सभी यकृत की बीमारियां शराब की अधिक मात्रा में लेने से होती है। दरअसल 80 प्रतिशत हैपेटाइटिस का कारण वायरल संक्रमण अक्सर हैपेटाइटिस एक लक्षणहीन रोग होता है, जिसके कोई बाहर चिह्न नजर नहीं आते, लेकिन हैपेटाइटिस का इलाज नहीं हो तो रोगी लीवर फेलियर से कोमा में पहुंच सकता है और अंत में उसकी मृत्यु हो सकती है।
अब सरकार कर रही जागरूक
सरकार ने निरोगी राजस्थान अभियान के तहत ‘हैल्दी लिवर कैम्पेन’ चलाया है, जो 28 जुलाई तक चलेगा। गुरुवार को प्रेस वार्ता में उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. असित श्रीवास्तव ने बताया कि अभियान में जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक के बाद उपखंड स्तर पर बैठक कर जिम्मेदारी तय की जाएगी। जिला, खड एवं ग्राम पंचायत सतर पर रैली, मैराथन दौड़, योगा सेशन किए जाएंगे।
जलदाय विभाग की ओर से सभी जगह पेयजल स्रोतों की नियमित साफ-सफाई एवं क्लोरीनेशन किया जाएगा। रेलवे, बस स्टैण्ड, अस्पताल एवं विद्यालय में पेयजल स्रोतों की नियमित साफ-सफाई के लिए कार्यशाला होंगी। जेलों में बंदियों की हैपेटाइटिस बी, सी की स्क्रीनिंग एवं उपचार तथा तम्बाकू, मुक्ति के लिए काउंसलिंग एवं उपचार किया जाएगा। नगर निगम की ओरसे हूपर वाहनों के माध्यम से जन जागरूकता संदेश दिए जाएंगे। आरबीएम अस्पताल में संचालित ट्रीटमेंट सेंटर के जरिए ऐसे रोगियों की स्क्रीनिंग एवं उपचार सुनिश्चित किया जाएगा।
यह सावधानी जरूर बरते :
1. किसी चोट लगे व्यक्ति के खून के संपर्क में आने पर या संक्रमित सुई चुभ जाने पर या रक्त के संपर्क में आने से बचें।
2. सभी पैरामेडिकल व डॉक्टर्स मरीजों के घावों के इलाज के समय या ऑपरेशन के समय, रक्त संबंधी टेस्ट करते समय।
3. सुरक्षित, कीटाणुरहित नई सिरिंज का उपयोग करें। ग्लास सिरिंग सुई 15-20 मिनट तक उबाल कर उपयोग करें।
4. सदैव रक्त चढ़ाने से पहले जांचें कि रक्त हैपेटाइटिस बी वायरस के प्रति जांचा हुआ हो।
5. सुरक्षित यौन संबंध रखें परस्त्री गमन न रखें या बार-बार साथी ना बदलें।