खुद कैंसर पीडि़त, फिर भी कैंसर पीडि़त पति की सलामती को रख रहीं व्रत
भरतपुरPublished: Oct 13, 2022 12:39:31 pm
- सेवा को बनाया जिंदगी का मकसद


खुद कैंसर पीडि़त, फिर भी कैंसर पीडि़त पति की सलामती को रख रहीं व्रत
भरतपुर . साल 2003 में मुझे पता चला कि मैं कैंसर पीडि़त हूं तो एकबारगी सब कुछ बिखर सा गया। वजह, खुद के साथ परिवार को संभालने की जिम्मेदारी मेरी थी, लेकिन इसके बाद वर्ष 2005 में पति के कैंसर पीडि़त होने की बात ने सबको झकझोर सा दिया। हंसती-खेलती जिंदगी में आई इस बीमारी ने सब कुछ बदल दिया था, लेकिन हमने हौसला नहीं खोया और जिंदगी के पथ पर एक-दूसरे को साथ लेकर आगे बढ़े। आज दोनों ने करीब-करीब कैंसर को मात दे दी। यह कहना है शहर के सेक्टर नंबर तीन निवासी विमला गुप्ता का। विमला की उम्र करीब 72 है। वह आज भी पति की सलामती के लिए करवा चौथ का व्रत रखती हैं।
विमला बताती हैं कि कैंसर पीडि़त होने के नाते चिकित्सक ने मुझे व्रत रखने से मना किया है, लेकिन मेरी आस्था मुझे इतनी ताकत देती है कि मैं सहज ही व्रत कर लेती हूं। इससे अभी तक मुझे कोई दिक्कत नहीं हुई। विमला गुप्ता गृहणी हैं, जबकि इनके पति चन्द्रभान गुप्ता जिला परिषद में वरिष्ठ लेखाधिकारी के पद पर थे, जो वर्ष 2011 में सेवानिवृत हो गए। गुप्ता दंपती की एक बेटी है, जिसकी शादी हो चुकी है। अब दोनों अकेले रहते हैं। विमला के पति चन्द्रभान गुप्ता कहते हैं कि हमारी ईश्वर में प्रबल आस्था है। यही वजह है कि हम दोनों ही पिछले करीब 11 साल से कोई दवा नहीं ले रहे हैं। कैंसर जैसी बीमारी का ख्याल हमने दिमाग से ही निकाल दिया है। विमला गुप्ता ने बताया कि तीज-त्योहारों में मेरी शुरू से ही गहरी आस्था रही है। यही वजह है कि मैं हमेशा से करवाचौथ का व्रत कर रही हूं। भले ही चिकित्सक ने हिदायत दी है, लेकिन मुझे इस व्रत से कभी कोई दिक्कत नहीं हुई।