-ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग मंत्री रमेशचंद मीणा बोले, खुद किरोड़ीलाल पर हैं पांच-पांच मुकदमे, अब पुलिस व सरकार पर ही लगा रहे हैं अनर्गल आरोप
किरोड़ीलाल मीणा आपराधिक प्रवृत्ति के, उन्हें कर देना चाहिए सरेंडर
भरतपुर. ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग मंत्री रमेश चंद मीणा ने कहा कि किरोड़ीलाल मीणा खुद अपराधी है, पांच-पांच केस लगे हुए हैं उन पर। कानून की पालना की बात करता है और खुद ही कानून का उल्लंघन कर रहा है। वह खुद ही कानून के उल्लंघन का आरोपी है। पांचों केसों में कई बार सीआईडी सीबी से जांच हो चुकी है। मेरी सलाह है कि किरोड़ीलाल मीणा को तो पुलिस के सामने सरेंडर कर देना चाहिए। वे कलक्ट्रेट सभागार में शुक्रवार दोपहर हुई बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कुछ बातें सरकार के नजर में आती है तो वह उनका निराकरण करने का काम करती है। इसके अलावा कोई गलत करता है तो उसका साथ कांग्रेस सरकार नहीं देती है। फिलहाल किरोड़ीलाल मीणा के सामने एक ही विकल्प है कि उन्हें तुरंत ही पुलिस के सामने सरेंडर कर देना चाहिए। वे जिनके अधिकारों के लिए लड़ाई की बात करते हैं, वह उनके ही अधिकारों का उल्लंघन करते हैं। फिर क्यों कानून व अधिकारों की बात करते हैं, यह समझ से परे हैं। मंत्री रमेश चंद मीणा ने जोधपुर हिंसा मामले में भाजपा नेताओं के बयानों पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि प्रदेश का इतिहास प्रेम और भाईचारे का रहा है, लेकिन भाजपा बारां, करौली और राजगढ़ (अलवर) के बाद जोधपुर में साम्प्रदायिक तनाव पैदा करके प्रदेश का माहौल खराब करना चाहती हैं। ये बिल्कुल गलत है। उन्होंने भाजपा नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा हमेशा से ही धर्म के नाम पर एक दूसरे को लड़ाने की राजनीती करती आई है, लेकिन प्रदेशवासी बीजेपी की इस राजनीति को अच्छी तरह समझ रहे हैं कि प्रदेश में चुनाव आने वाले हैं तो बीजेपी नेताओं ने अभी से प्रदेश के लोगों को भड़काने का काम शुरू कर दिया है। इससे लोग धर्म के नाम पर बंट जाए। इसका फायदा बीजेपी को हो, लेकिन ये बीजेपी नेताओं की गलतफहमी हैं। कांग्रेस प्रदेश में अच्छा काम कर रही है। इसलिए कांग्रेस पार्टी पूर्ण बहुमत से वापसी करेगी। इससे पहले मंत्री रमेश मीणा ने बैठक में अधिकारियों से सरकार की विभिन्न जन-कल्याणकारी योजनाओं स्वच्छ भारत मिशन, जलग्रहण, नरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना, राजीविका, पेंशन योजना, पालनहार, नि:शुल्क दबा योजना, चिरंजीवी योजना, जलजीवन मिशन चारागाह विकास सहित विभिन्न योजनाओं के कार्यों में प्रगति की समीक्षा की। मंत्री महोदय ने कहा इन योजनाओं में कमजोर प्रगति को लेकर मंत्री ने नाराजगी जताई और अधिकारियों को कम प्रगति पर फटकार लगाते हुए कामकाज की प्रगति में सुधार करने की हिदायत दी। वहीं इन सभी योजनाओं की कमजोर स्थिति में सुधार लाने को कहा। मंत्री बोले कि योजनाओं का काम धरातल पर भी दिखना चाहिए। मंत्री ने अधिकारियों को साफ निर्देश दिए कि जो ईमानदारी से कम करेगा। वही आगे काम करेगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का कहना है कि जो सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं और बजट की घोषणा तय समय पर पूरी होनी चहिए। इससे जनता को लाभ मिल सके। बैठक में जिला कलक्टर आलोक रंजन, प्रभारी सचिव टी रविकांत, जिला परिषद सीईओ सुशील कुमार, एडीएम प्रशासन बीना महावर, यूआईटी सचिव कमलराम मीणा, पुलिस अधीक्षक श्याम सिंह आदि उपस्थित थे।
मिलावट के खेल…पर बोले अधिकारी चुप, मंत्री नाराज मंत्री ने कहा कि भरतपुर में मिलावट का बड़ा खेल चल रहा है। हर चीज में मिलावट हो रही है। अधिकारी खाद्य पदार्थों की समय समय पर जांच के नमूने लेकर मिलावट करने वालों के खिलाफ जल्द कार्रवाई करने के निर्देश दिए। शहर में तीन बड़े मिठाई विक्रेताओं के खिलाफ पिछले लंबे समय से कार्रवाई नहीं किए जाने व उनके नमूनों की जांच नहीं किए जाने का मामले पर भी उन्होंने अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। साथ ही कहा कि जनता को शुद्ध खाद्य सामग्री दिलाना हमारी प्राथमिकता है, लेकिन यहां कोई सामग्री शुद्ध नहीं मिल रही है। साथ ही अधिकारी पता ही नहीं क्यों…बड़े प्रतिष्ठानों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। उन्होंने सीएमएचओ को तुरंत ही टीम गठित नमूनों की जांच कराने के निर्देश दिए। साथ ही हिदायत दी कि अगर जल्द ही मिलावट का खेल नहीं रुका तो अधिकारियों पर गाज गिरना तय है। ई-मित्रों के कामों में काफी अनियमितता मिल रही है। लोगों को सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। मंत्री ने अधिकारियों की एक कमेटी बनाकर ई-मित्र पर निगरानी रखी जाए और अनियमितता मिलने पर ई-मित्रों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए। सरकार की ओर से चलाई जा रही सिलिकोसिस आर्थिक सहायता राशि योजना में भी कई अनियमितताएं मिल रही है। पात्र व्यक्ति को इसकी सुविधाएं नहीं मिल रही है। इसको लेकर भी मंत्री ने अधिकारियों को जांच के निर्देश दिए हैं।
अधिकारी खाएंगे इंदिरा रसोई में खाना इंदिरा रसोई में जब तक जनप्रतिनिधियों और अधिकारी खाना नहीं खाएंगे तब तक भोजन की गुणवत्ता में सुधार नहीं आएगा। इसके लिए मंत्री ने अधिकारियों को खाने की समय-समय पर जांच करने के निर्देश दिए। इससे जरुरतमंद लोगों को गुणवत्तायुक्त और पौष्टिक खाना मिल सके।