नहीं जाएंगे वार्ता को
बैंसला ने कहा कि पिछले आंदोलनों के दौरान हमने टेबल वार्ता बहुत कर लीं। अब वार्ता नहीं होगी। हमें आरक्षण हर हाल में चाहिए। सरकार से कहां से देगी। इससे हमें कोई वास्ता नहीं। मांग पर निर्भर होगा चुनाव लडऩे का फैसला लोकसभा चुनाव लडऩे के मानस के सवाल पर बैंसला ने कहा कि चुनाव लडऩे की बात आरक्षण के मुद्दे की पूर्ति पर निर्भर करती है। समय पर आरक्षण मिला तो हम देखेंगे। आंदोलन को लेकर उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की बात साधने के सवाल पर उन्होंने ‘नो कमेंट्स‘ कह दिया।
बैंसला ने कहा कि पिछले आंदोलनों के दौरान हमने टेबल वार्ता बहुत कर लीं। अब वार्ता नहीं होगी। हमें आरक्षण हर हाल में चाहिए। सरकार से कहां से देगी। इससे हमें कोई वास्ता नहीं। मांग पर निर्भर होगा चुनाव लडऩे का फैसला लोकसभा चुनाव लडऩे के मानस के सवाल पर बैंसला ने कहा कि चुनाव लडऩे की बात आरक्षण के मुद्दे की पूर्ति पर निर्भर करती है। समय पर आरक्षण मिला तो हम देखेंगे। आंदोलन को लेकर उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की बात साधने के सवाल पर उन्होंने ‘नो कमेंट्स‘ कह दिया।
संघर्ष में नहीं राजनेता की भागीदारी
बैंसला ने कहा कि मेरा अनुभव है कि राजनेताओं ने अब तक समाज को कुछ करके नहीं दिया। आरक्षण के मुद्दे पर संघर्ष समाज ने ही किया है। उन्होंने कहा कि पार्टियां भी उन्हीं की भर्ती करती हैं, जो समाज को ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं। इस दौरान उन्होंने समाज के दो नेताओं के नाम भी लिए। बैंसला ने कहा कि समाज के नेता चुनाव के लिए गुर्जर बाहुल्य क्षेत्र को चुनते हैं और जीतने के बाद उल्टी कथा पढऩे लग जाते हैं। अब लोगों को जाग्रत होना होगा। हम उसी के लिए पहल करेंगे, जो हमारी देखभाल करेगा। बार-बार आंदोलन की बात पर बैंसला ने कहा कि देश को भी आजादी काफी लड़ाई के बाद मिली थी।
बैंसला ने कहा कि मेरा अनुभव है कि राजनेताओं ने अब तक समाज को कुछ करके नहीं दिया। आरक्षण के मुद्दे पर संघर्ष समाज ने ही किया है। उन्होंने कहा कि पार्टियां भी उन्हीं की भर्ती करती हैं, जो समाज को ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं। इस दौरान उन्होंने समाज के दो नेताओं के नाम भी लिए। बैंसला ने कहा कि समाज के नेता चुनाव के लिए गुर्जर बाहुल्य क्षेत्र को चुनते हैं और जीतने के बाद उल्टी कथा पढऩे लग जाते हैं। अब लोगों को जाग्रत होना होगा। हम उसी के लिए पहल करेंगे, जो हमारी देखभाल करेगा। बार-बार आंदोलन की बात पर बैंसला ने कहा कि देश को भी आजादी काफी लड़ाई के बाद मिली थी।