पांच फीसदी आरक्षण गुर्जर समाज का हक है। इसके लिए हम पंद्रह साल से संघर्ष कर रहे हैं। इस बार मैं सिर पर साफा नहीं बल्कि कफन बांधकर निकला हूं। आरक्षण के लिए इस बार आर-पार की लड़ाई होगी। यह बात गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला (Kirori Singh Bainsla) ने कही। बैंसला सोमवार को देवनारायण मंदिर पर समाज के लोगों से मिलने पहुंचे थे। बैंसला ने कहा कि केन्द्र सरकार ने सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण आठ दिन में दे दिया। लोकसभा और राज्यसभा में बिल पास करने के साथ राष्ट्रपति के हस्ताक्षर और गजट के बाद यह लागू हो गया। यदि सरकार की इच्छाशक्ति हो तो वह 8 दिन में कर सकती है। हमें आरक्षण मिला भी, लेकिन उसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। इससे जाहिर है कि सरकारों के मन में वह इच्छाशक्ति नहीं थी, जो होनी चाहिए। सभी ने हमारी एसबीसी की मांग को जायज ठहराया है। इसके बाद भी हमें आरक्षण नहीं मिला। बैंसला ने कहा कि सरकार अब 17 दिन में पांच प्रतिशत आरक्षण और बैकलॉग दें। साथ ही आठ लाख का क्रीमीलेयर हमें भी मिले। यदि ऐसा नहीं हुआ तो लड़ाई आर-पार की होगी। इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
नहीं जाएंगे वार्ता को
बैंसला ने कहा कि पिछले आंदोलनों के दौरान हमने टेबल वार्ता बहुत कर लीं। अब वार्ता नहीं होगी। हमें आरक्षण हर हाल में चाहिए। सरकार से कहां से देगी। इससे हमें कोई वास्ता नहीं। मांग पर निर्भर होगा चुनाव लडऩे का फैसला लोकसभा चुनाव लडऩे के मानस के सवाल पर बैंसला ने कहा कि चुनाव लडऩे की बात आरक्षण के मुद्दे की पूर्ति पर निर्भर करती है। समय पर आरक्षण मिला तो हम देखेंगे। आंदोलन को लेकर उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की बात साधने के सवाल पर उन्होंने ‘नो कमेंट्स‘ कह दिया।
बैंसला ने कहा कि पिछले आंदोलनों के दौरान हमने टेबल वार्ता बहुत कर लीं। अब वार्ता नहीं होगी। हमें आरक्षण हर हाल में चाहिए। सरकार से कहां से देगी। इससे हमें कोई वास्ता नहीं। मांग पर निर्भर होगा चुनाव लडऩे का फैसला लोकसभा चुनाव लडऩे के मानस के सवाल पर बैंसला ने कहा कि चुनाव लडऩे की बात आरक्षण के मुद्दे की पूर्ति पर निर्भर करती है। समय पर आरक्षण मिला तो हम देखेंगे। आंदोलन को लेकर उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की बात साधने के सवाल पर उन्होंने ‘नो कमेंट्स‘ कह दिया।
संघर्ष में नहीं राजनेता की भागीदारी
बैंसला ने कहा कि मेरा अनुभव है कि राजनेताओं ने अब तक समाज को कुछ करके नहीं दिया। आरक्षण के मुद्दे पर संघर्ष समाज ने ही किया है। उन्होंने कहा कि पार्टियां भी उन्हीं की भर्ती करती हैं, जो समाज को ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं। इस दौरान उन्होंने समाज के दो नेताओं के नाम भी लिए। बैंसला ने कहा कि समाज के नेता चुनाव के लिए गुर्जर बाहुल्य क्षेत्र को चुनते हैं और जीतने के बाद उल्टी कथा पढऩे लग जाते हैं। अब लोगों को जाग्रत होना होगा। हम उसी के लिए पहल करेंगे, जो हमारी देखभाल करेगा। बार-बार आंदोलन की बात पर बैंसला ने कहा कि देश को भी आजादी काफी लड़ाई के बाद मिली थी।
बैंसला ने कहा कि मेरा अनुभव है कि राजनेताओं ने अब तक समाज को कुछ करके नहीं दिया। आरक्षण के मुद्दे पर संघर्ष समाज ने ही किया है। उन्होंने कहा कि पार्टियां भी उन्हीं की भर्ती करती हैं, जो समाज को ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं। इस दौरान उन्होंने समाज के दो नेताओं के नाम भी लिए। बैंसला ने कहा कि समाज के नेता चुनाव के लिए गुर्जर बाहुल्य क्षेत्र को चुनते हैं और जीतने के बाद उल्टी कथा पढऩे लग जाते हैं। अब लोगों को जाग्रत होना होगा। हम उसी के लिए पहल करेंगे, जो हमारी देखभाल करेगा। बार-बार आंदोलन की बात पर बैंसला ने कहा कि देश को भी आजादी काफी लड़ाई के बाद मिली थी।