scriptमथुरा में शंख घंटे-घडियाल की प्रति ध्वनि के बीच जन्मे कृष्ण | Krishna born in Mathura amid sound of conch-bell-gharial | Patrika News

मथुरा में शंख घंटे-घडियाल की प्रति ध्वनि के बीच जन्मे कृष्ण

locationभरतपुरPublished: Aug 12, 2020 08:58:21 pm

Submitted by:

rohit sharma

एक बार फिर से मथुरा में अजन्मे ने जन्म लिया। पांच हजार साल पुरानी परंपरा सनातन धर्म के अनुसार साक्षात हुई और भक्तों का इंतजार खत्म हुआ।

मथुरा में शंख घंटे-घडियाल की प्रति ध्वनि के बीच जन्मे कृष्ण

मथुरा में शंख घंटे-घडियाल की प्रति ध्वनि के बीच जन्मे कृष्ण

भरतपुर. एक बार फिर से मथुरा में अजन्मे ने जन्म लिया। पांच हजार साल पुरानी परंपरा सनातन धर्म के अनुसार साक्षात हुई और भक्तों का इंतजार खत्म हुआ। रात्रि ठीक 12 बजते ही मंदिर परिसर में नटखट कान्हा के जन्म की किलकारियां गूंजने लगी। शंख, घंटे-घडियालों की प्रतिध्वनि गूंजने लगी। इस बार भक्तों को अपने आराध्य के दर्शन लाइव न होकर सोशल मीडिया व अन्य संसाधनों से ही हो पाए। जन्मोत्सव के अलौकिक क्षणों का सजीव प्रसारण भक्त टकीटकी लगाकर देख भावविभोर नजर आए। श्रीकृष्ण जन्म स्थान में ठाकुरजी का अभिषेक रामजन्म भूमि न्यास तीर्थ क्षेत्र के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास महाराज ने सेवायतों के बीच सरयू नदी के जल व पंचामृत के साथ किया। इसके बाद ठाकुरजी ने पत्र-पुष्प, रत्न प्रतिकृति, वस्त्र आदि के अद्भुत संयोजन से बनाए गए पूर्णेंदु कुंज बंगले में विराजमान होकर दर्शन दिए। श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि यह पुष्प वृंत पोशाक रेशम, जरी, रत्न प्रतिकृति से बनाई गई थी। इस बार पहला मौका था जिसमें भक्तों के बिना ही ठाकुर का जन्मोत्सव मनाया गया। बैरियर व पुलिस फोर्स लगाकर भक्तों को रोक दिया गया।

रोशनी से जगमग ठाकुर द्वारिकाधीश का आंगन

द्वारिकाधीश मंदिर के विधि एवं मीडिया प्रभारी राकेश तिवारी ने बताया कि इस बार कोराना वायरस की वजह से जिला प्रशासन द्वारा सभी मंदिरों को भक्तों के लिए बंद किया गया था। आदेशों का पालन करते हुए मंदिर के गोस्वामी ब्रजेश कुमार महाराज व डॉ.वागीश कुमार महाराज के निर्देश पर भक्तों को घर बैठे दर्शन की व्यवस्था दूरदर्शन व निजी चैनल के माध्यम से कराई गई थी। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर ठाकुर द्वारिकाधीश का विशेष शृंगार किया गया था। ठाकुरजी को 100 वर्ष से भी अधिक प्राचीन रत्न जडि़त आभूषणों से सजाया गया। वहीं नंदगांव में बुधवार को श्रीकृष्ण जन्म के बाद नंदोत्सव धूमधाम से मनाया गया।
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