वहीं पेयजल लाइन की व्यवस्था भी नहीं है। ऐसे में लोगों को खारा पानी पीने पर मजबूर होना पड़ता है। इस स्थिति से निपटने और लोगों को मीठा पानी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वर्ष 2014-15 में प्रथम फेज में 249, द्वितीय फेज में 261 और तीसरे फेज में 63 आरओ प्लांट लगाए गए। ये सभी वर्ष 2014 से 0217 तक लगाए, जो संचालित हैं।
इसके बाद राज्य सरकार ने वर्ष 2018-19 में 406 आरओ प्लांट लगाने की स्वीकृत दी थी। इनमें से जलदाय विभाग ने 80 आरओ प्लांट बिल्कुल तैयार कर दिए हैं। अब केवल बिजली कनेक्शन का इंतजार है। शेष पर कार्य प्रगति पर है। बावजूद इसके 80 आरओ प्लांटों पर कनेक्शन नहीं हुए हैं। सूत्रों का कहना है कि विभाग ने विद्युत निगम से अण्डर टेकिंग कनेक्शन सुचारू करने को लिखा है। यह भी कहा जा रहा है कि डिमांड राशि जमा करा दी है, मगर निगम की ओर से देरी हो रही है।
फिर भी लोग मीठे पानी की सुविधा से दूर हैं। यइ स्थिति डीग, नगर, कामां, पहाड़ी आदि क्षेत्रों में देखी जा सकती है। लोग आज भी टैंकरों का पानी पीने को मजबूर हैं। इनकी सुविधा के लिए आरओ स्थापित कराए जा रहे हैं। फिर भी करीब 50 हजार लोग आरओ की सुविधा से दूर हैं। गर्मी अपना तेवर दिखा रही है तो लोगों की जलापूर्ति कैसे होगी।