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बजट का अभाव, शोपीस बने करोड़ों के आरओ प्लांट

locationभरतपुरPublished: Apr 10, 2019 09:25:40 pm

Submitted by:

pramod verma

भरतपुर. जलदाय विभाग ने लोगों को राहत और सुविधा के तौर पर करोड़ों रुपए के दर्जनों आरओ प्लांट स्थापित किए हैं, मगर बजट के अभाव में बिजली कनेक्शन से अछूते मीठे पानी के प्लांट दिखावा बनकर रह गए हैं।

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भरतपुर. जलदाय विभाग ने लोगों को राहत और सुविधा के तौर पर करोड़ों रुपए के दर्जनों आरओ प्लांट स्थापित किए हैं, मगर बजट के अभाव में बिजली कनेक्शन से अछूते मीठे पानी के प्लांट दिखावा बनकर रह गए हैं। विभाग ने गर्मी और खारे पानी से निजात के लिए जिले में करीब 17 करोड़ 60 लाख रुपए में 80 नए आरओ प्लांट लगाए हैं, लेकिन महीनों से बिजली कनेक्शन की बाटजोहते प्लांट हजारों लोगों के लिए अब सपना बनकर रह गए हैं। जिले के अधिकांश क्षेत्रों में खारे पानी की स्थिति है।

वहीं पेयजल लाइन की व्यवस्था भी नहीं है। ऐसे में लोगों को खारा पानी पीने पर मजबूर होना पड़ता है। इस स्थिति से निपटने और लोगों को मीठा पानी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वर्ष 2014-15 में प्रथम फेज में 249, द्वितीय फेज में 261 और तीसरे फेज में 63 आरओ प्लांट लगाए गए। ये सभी वर्ष 2014 से 0217 तक लगाए, जो संचालित हैं।

इसके बाद राज्य सरकार ने वर्ष 2018-19 में 406 आरओ प्लांट लगाने की स्वीकृत दी थी। इनमें से जलदाय विभाग ने 80 आरओ प्लांट बिल्कुल तैयार कर दिए हैं। अब केवल बिजली कनेक्शन का इंतजार है। शेष पर कार्य प्रगति पर है। बावजूद इसके 80 आरओ प्लांटों पर कनेक्शन नहीं हुए हैं। सूत्रों का कहना है कि विभाग ने विद्युत निगम से अण्डर टेकिंग कनेक्शन सुचारू करने को लिखा है। यह भी कहा जा रहा है कि डिमांड राशि जमा करा दी है, मगर निगम की ओर से देरी हो रही है।
निगम के सूत्र बताते हैं कि कोई डिमांड राशि जमा नहीं की गई। फिर क्या बात है कि आरओ कनेक्शन से दूर हैं। जिले में करीब 25 लाख की जनसंख्या है, जिसमें 18 लाख लोग ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं। इनमें से करीब 19800 उपभोक्ता हैं जो विभाग की पानी की सेवा से जुड़े हैं। जहां, पानी में टीडीएस की मात्रा 1500 से अधिक है और पाइप लाइन नहीं है वहां के लोगों की सुविधा के लिए आरओ स्थापित किए हैं।

फिर भी लोग मीठे पानी की सुविधा से दूर हैं। यइ स्थिति डीग, नगर, कामां, पहाड़ी आदि क्षेत्रों में देखी जा सकती है। लोग आज भी टैंकरों का पानी पीने को मजबूर हैं। इनकी सुविधा के लिए आरओ स्थापित कराए जा रहे हैं। फिर भी करीब 50 हजार लोग आरओ की सुविधा से दूर हैं। गर्मी अपना तेवर दिखा रही है तो लोगों की जलापूर्ति कैसे होगी।
जलदाय विभाग भरतपुर के अधीक्षण अभियंता हेमंत कुमार ने बताया कि नए स्थापित करीब 80 आरओ प्लांटों में बिजली कनेक्शन नहीं हुए हैं। इसलिए संचालित नहीं हैं। विभाग के पास बजट का अभाव है, हमने विद्युत निगम को अण्डर टेकिंग के लिए कहा है। जैसे-जैस बजट आएगा वैसे ही डिमांड राशि जमा कराते रहेंगे। जल्द आरओ शुरू हो जाएंगे। जेवीवीएनएल के अधीक्षण अभियंता मूलचंद चौधरी ने बताया कि अभी मैंने लिस्ट नहीं देखी है कि कहां-कहां आरओ प्लांटों पर कनेक्शन हैं या नहीं हैं। लिस्ट देखकर ही बता पाऊंगा। आरओ पर बिजली कनेक्शन की मुझे ज्यादा जानकारी नहीं हैं।
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