सैनिक देवेन्द्र यहां जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा में 51 राष्ट्रीय राइफल में तैनात था। डयूटी के दौरान 15 फरवरी को इलाके में हुई बर्फवारी के चपेट में आने से मौत हो गई। घटना से कुछ समय पहले मोबाइल पर उसके भाई सुरेन्द्र से बात हुई थी। सुरेन्द्र भी आर्मी में गुजरात में तैनात है। इसके कुछ घंटे बाद ही सुरेन्द्र के फोन पर उसकी मौत की खबर मिली। परिजनों को घटना की खबर नहीं दी। केवल उसके बीमार होना बताया गया। पंाच दिन बाद रविवार सुबह जब सेना की गाड़ी देवेन्द्र की पार्थिव देह पहुंची और जिससे गांव में शोक का माहौल छा गया। बच्चों ने घर जाकर बताया कि देवेन्द्र चाचा की मौत हो गई है। खबर सुनकर मां व पत्नी ऊषा बेसुध हो गई। देवेन्द्र के पिता भी आर्मी रिटायर्ड हैं। देवेन्द्र का का शव 3 तीन बाद पहाड़ी इलाके से हैलीकॉप्टर से निकाल कर नीचे वैली में लाया गया। इसके बाद शनिवार रात दिल्ली से बयाना पहुंचा। जहां उसकी देह को सीएचसी के मोर्चरी में रखवाया गया।
माता-पिता को दी थी बीमार होने की खबर पंचायत समिति में तैनात मृतक देवेन्द्र के पड़ोसी लज्जाराम गुर्जर ने बताया कि देवेन्द्र की मौत की खबर उसके भाई सुरेन्द्र को थी। मगर उसने अपनी माता-पिता व देवेन्द्र की पत्नी को यही बताया था कि देवेन्द्र बीमार है और उसका उपचार जम्मू-कश्मीर में चल रहा है। देवेन्द्र की मां व पत्नी उषा लगातार उसे गांव लाने की तीन दिन से जिद कर रहे थे। जैसे ही रविवार को सुबह सेना का वाहन गांव में पहुंचा तो बच्चों को भी इसकी खबर लग गई और बच्चे दौड़ते हुए घर पहुंचे जिन्होंने देवेन्द्र की पत्नी उषा व उसकी मां को देवेन्द्र की मौत खबर दी। जिसे सुनकर मां व पत्नी बेसुध हो गए। जिस पर रिश्तेदारों ने उन्हें संभाला।