कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह भी शहीद के गांव पहुंचे और शहीद के दर्शन किए। इस बीच पूरा वातावरण शहीद के जयकारों से गूंज उठा तो युवाओं ने पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए। आसपास के दर्जनों गांवों से ग्रामीण शहीद को अंतिम विदाई देने पहुंचे। ग्रामीणों का कहना है कि हमें सौरभ की शहादत पर गर्व है।
शहीद की पत्नी पूनम बार-बार ससुर को फोन कर पूछ रही थी कि आज वह घर से दूर क्यों भाग रहे हैं, परिजनों ने पूनम को सौरभ की शहादत के बारे में नहीं बताया था। शहीद के पिता नरेश कटारा ने बताया कि वह खुद शहीद की मां व पत्नी को इस बारे में बताने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे। १७ दिन पहले जिसकी शादी हुई उस बेटी पर क्या गुजरेगी, यह सोचकर ही सीहर उठता हूं, शहीद का सब आने के बाद वैसे ही पता चल जाएगा इसलिए घर की महिलाओं को नहीं बताया गया।
शहीद सौरभ का बुधवार को जन्मदिन था। सौरभ व उसके बड़े भाई की गत आठ दिसम्बर को ही दो सगी बहनों के साथ शादी हुई थी। घटना की सूचना परिजनों को मंगलवार दोपहर मिली, जिस पर गांव में मातम छा गया था।