-अस्थायी सफाईकर्मियों ने रोकी कंपनी की राह, नहीं निकालने दिए ऑटो टिपर-सियासी बयान: नगर निगम के मेयर बोले: नेता प्रतिपक्ष से मेरी पुरानी मित्रता
मेयर ने कह दी इतनी बड़ी बात…बोले नेता प्रतिपक्ष मेरे पुराने मित्र
भरतपुर. शहर की सफाई व्यवस्था का शुक्रवार को निजी कंपनी का पहला दिन था। हालांकि इससे पहले गुरुवार की रात जिला कलक्टर आलोक रंजन ने कंपनी की ओर से मशीन से की जाने वाली सफाई व्यवस्था का ट्रायल भी देखा। कंपनी के अधिकारी शुक्रवार सुबह जब सुभाष नगर स्थित निगम के केंद्र पर ऑटो टिपर लेने पहुंचे तो ठेका सफाई कर्मचारियों ने केंद्र पर पहुंच कंपनी के काम का विरोध कर प्रदर्शन किया और कंपनी के अधिकारी व कर्मचारियों को ऑटो टिपर नहीं लेने दिए। विरोध की जानकारी मिलने पर नगर निगम के एओ पंकज गुप्ता, एईएन प्रदीप मिश्रा और नेता प्रतिपक्ष रूपेंद्र ङ्क्षसह सहित कोतवाली थाना प्रभारी रामकिशन यादव मय जाप्ता मौके पर पहुंचे और विरोध कर रहे कर्मचारियों से समझाइश की। पूर्व नेता प्रतिपक्ष व पार्षद कपिल फौजदार ने भी मौके पर पहुंच कर नगर निगम पर अस्थायी सफाई कर्मचारियों के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया। नेता प्रतिपक्ष रूपेंद्र ने वार्ता कराने को कहा। अधिकारियों ने सफाई कर्मचारियों से कंपनी के खिलाफ विरोध बंद कर आपस में वार्ता करने को कहा। वहीं वार्ता के लिए सभी कर्मचारियों को नगर निगम में एकत्रित होने को कहा। इस पर सभी ठेका सफाई कर्मचारी नगर निगम पहुंचे। जहां निगम व कंपनी के अधिकारी व पार्षदों के साथ सफाई कर्मचारियों के 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने वार्ता की। जो कई बार विफल हुई। निगम सभागार से प्रतिनिधिमंडल के पदाधिकारी कई बार बाहर निकले और सफाईकर्मियों से अधिकारियों के साथ हुई वार्ता के बारे में बताया इस पर कर्मचारियों ने असहमति जताई और अंत में करीब साढ़े तीन घंटे चली वार्ता में पूरी तरह से सफाई कर्मचारियों की सहमति नहीं बनी। अब कर्मचारियों को फिर से वार्ता के लिए बुलाया जाएगा। हालांकि इसके लिए अभी समय निर्धारित नहीं किया गया है।
सदन में लगे मेयर के बयान पर ठहाके ठेका सफाई कर्मचारियों के साथ नगर निगम और कंपनी के अधिकारियों के वार्ता में कई पार्षद भी शामिल थे। इस दौरान महापौर अभिजीत कुमार ने वार्ता के दौरान कहा कि नेता प्रतिपक्ष तो मेरे पुराने मित्र हैं। इस पर पूरा सदन ठहाने लगाने लगा। अब सियासी गलियारों में मेयर के इस बयान पर भी खूब चर्चा हो रही है। हालांकि सदन में कोई भी इस बयान पर कुछ भी नहीं बोला।
आगामी वार्ता विफल रही तो होगा आंदोलन अखिल भारतीय सफाई मजदूर कांगे्रस के जिलाध्यक्ष प्रताप सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस सरकार वाल्मीकि समाज की विरोधी है। यदि आगामी वार्ता विफल रही तो वाल्मीकि समाज की ओर से बड़ा आंदोलन होगा और जिम्मेदार प्रशासन होगा। साथ ही अपनी दलित विरोधी नीति के चलते सरकार को आगामी चुनाव में इसके नकारात्मक परिणाम भी भुगतने होंगे।
ये हैं प्रमुख मांगें – सभी कर्मचारियों को संविदा पर लगाए जाने – कंपनी के रहने तक किसी भी कर्मचारी को न हटाने – सफाई कर्मचारी को 504, ऑटो टिपर चालक को 552 और ट्रेक्टर चालक व लेवर को 1000 रुपए का भुगतान करने – ईएसआई व पीएफ अलग से देने – रविवार के अवकाश का वेतन नहीं काटने – सभी वार्डों में सुपरवाइजर पदों पर केवल वाल्मीकि समाज के लोगों को लगाने – प्रत्येक कर्मचारी का 10 लाख रुपए का मेडिकल बीमा कराने – कंपनी के कार्यकाल में सफाई व्यवस्था के नाम पर राशि न वसूलने – सभी वार्डों में मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी स्थाई जमादार को देने – कंपनी के फैल होने की स्थिति में वेतन की जिम्मेदारी नगर निगम की होगी
महापौर को ज्ञापन सौंपा, भ्रष्टाचार के आरोपों पर मांगा जबाब इधर, पार्षद श्यामसुंदर गौड़ के नेतृत्व में कई पार्षदों ने महापौर अभिजीत कुमार को ज्ञापन सौंपा। इसमें बताया गया है कि नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार व जन विरोधी कार्यशैली पर आएदिन सवाल उठाए जाते हैं। वहीं आरोप है कि नई सफाई व्यवस्था लागू करने के लिए पार्षदों को लेपटॉप वितरण किए गए। इस पर आपकी कोई प्रतिक्रिया न होने से आरोप सच साबित होने का अंदेशा है। पार्षद गौड़ ने महापौर से जबाब मांगा है कि लेपटॉप वितरण करने का प्रस्ताव किसके जरिए लाया गया और सदन की किस बैठक में यह प्रस्ताव पास हुआ। ऐसे में पार्षदों की छवि आमजन में धूमिल हो रही है। ज्ञापन देने वालों पार्षदों ने महापौर से विभिन्न आरोपों को लेकर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है। इस मौके पर शैलेष पाराशर, कलुआराम मीना, नरेश जाटव, सुधा अशोक शर्मा, दीपक मुद्गल और समन्दर ङ्क्षसह आदि मौजूद रहे।
इनका कहना है … – सफाई कर्मचारियों ने कई मुद्दों पर असहमति जताई है। निगम के स्थाई कर्मचारियों से शहर की सफाई व्यवस्था सुदृढ़ कराने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं कंपनी से भी सफाई कार्य कराया जाएगा। ठेका सफाई कर्मचारियों को आगामी बैठक में समझाइश का प्रयास किया जाएगा। संभवतया आगामी वार्ता पूरी तरह सफल होगी।