नहीं मिल पाती महंगी दवा पेंशनरों का कहना है कि उपभोक्ता भंडार की दुकान से पेंशनरों को सीमित ही दवाएं मिल पाती हैं, जो महंगी दवा होती हैं, वह उन्हें बाजार से खरीदनी पड़ती हैं। अब निजी दुकान का अनुबंध खत्म होने के बाद पेंशनर बाजार से दवा खरीदकर उसका बिल लगा रहे हैं। इसके लिए उन्हें अतिरिक्त चक्कर लगाने के साथ बिल के एवज में राशि लेने के लिए भी इंतजार करना पड़ रहा है। ऐसे में पेंशनरों को परेशान होना पड़ रहा है।
हाइकोर्ट का निर्णय…फिर भी नहीं हो रही पालना पेंशनर्स ने बताया कि पूर्व में भी जिला कलक्टर को ज्ञापन देकर निवेदन किया गया था कि पेंशनर्स को उपभोक्ता भंडार से दवाइयां पूरी नहीं मिलती है। ज्यादातर एनएसी काटी जाती है। राजस्थान हाइकोर्ट का निर्णय है कि पेंशनरों के लिए एनएसी के आधार पर एक प्राइवेट दुकान होनी चाहिए। इससे पेंशनर्स वहां से एनएसी के आधार पर मुफ्त दवाइयां ले सकें तथा बार-बार भंडार में बिल देने के चक्कर से बच सकें। भंडार के दो नमूने फेल भी हो चुके हैं। राजस्थान हाइकोर्ट जोधपुर व मानवाधिकार आयोग के निर्णय की पालना मेंजिला एवं तहसील मुख्यालयों पर एनएसी के आधार पर प्राइवेट दुकानें तय की जाएं।
यह बोले पेंशनर उपभोक्ता भंडार की दुकानों पर पूरी दवाएं नहीं मिलने के कारण पेंशनरों को परेशानी होती है। इसके लिए बुजुर्गों को यहां-वहां चक्कर लगाने पड़ते हैं। इसके लिए या तो निजी दुकान को अधिकृत किया जाए अथवा ऐसी व्ववस्था की जाए कि पूरी दवाएं उपभोक्ता भंडार की दुकानों पर ही मिल जाएं। इससे बुजुर्गों की परेशानी बचेगी।
– हरिप्रकाश सिंघल, पेंशनर एक दवा उपभोक्ता भंडार की दुकान से तथा दूसरी दवाएं दूसरी दुकान से लेने में बुजुर्गों को खासी परेशानी झेलनी पड़ती है। सरकार को राहत देते हुए ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए कि सभी दवाएं एक ही जगह से मिल जाएं। इससे बुजुर्ग बेवजह की परेशानी से बच सकेंगे। इधर-उधर चक्कर लगाना बुजुर्गों को थकाता है।
– आईके. शर्मा, पेंशनर आरपीएमएफ की मीटिंग में जो तय होता है, उसकी क्रियान्वति आवश्यक रूप से कराई जाए। कोई भी निजी दुकान अधिकृत करने से पेंशनरों से भाग-दौड़ बचेगी। साथ ही उन्हें इस व्यवस्था से काफी हद तक सहूलियत मिलेगी।
– डोरीलाल शर्मा, जिलाध्यक्ष पेंशनर समाज -हम करीब-करीब पूरी दवाएं उपलब्ध करा रहे हैं। कुछ दवाएं जो बाहर की हैं। उनमें थोड़ी परेशानी है। उन्हें भी शीघ्र ही उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं।
जितेन्द्र मीणा, जनरल मैनेजर उपभोक्ता भंडार लिमिटेड