-बोले: सबसे ज्यादा भरतपुर की आई हैं समस्यां, नगर निगम, यूआईटी, पीडब्ल्यूडी, पीएचईडी से संबंधित समस्याओं से परेशान है लोग, आम आदमी की समस्या के निराकरण को तवज्जो दें अधिकारी
कैबीनेट मंत्री ने कही इतनी बड़ी बात…खुद के इलाकों में भी समस्याओं पर ध्यान दें विधायक
भरतपुर. जनसुनवाई…पेयजल….बिजली…अतिक्रमण…हर बार वही पुरानी समस्याएं, जिनका निराकरण स्थानीय स्तर पर नहीं हो रहा है, वे समस्याएं जिलास्तर पर हो रही जनसुनवाई में सामने आ रही है। सीधा सा मतलब है कि स्थानीय स्तर पर अधिकारियों की ओर से आमजन की समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। खुद पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने भी गुरुवार को सर्किट हाउस में हुई जनसुनवाई में इस बात को स्वीकार किया। साथ ही बोले कि मैं अपने साथी अन्य सभी विधायकों से भी कहना चाहंूगा कि वे अपने इलाके में भी समस्याओं पर ध्यान दें। ताकि लोगों को परेशान होकर यहां तक समस्याएं लेकर नहीं आना पड़े। उल्लेखनीय है कि कैबीनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह दो दिवसीय दौरे पर 18 मई को भरतपुर आए हैं। सर्किट हाउस में सुबह आठ बजे से जिलेभर से आए लोगों की भीड़ एकत्रित हो गई। कैबीनेट मंत्री सिंह ने जिलेभर से आए लोगों की समस्याएं सुनी। साथ ही सर्वाधिक समस्याएं, नगरपालिका, नगर निगम, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, बिजली निगम, बिजली कंपनी, सार्वजनिक निर्माण विभाग से जुड़ी आई। इसमें एक बात समान रही कि स्थानीय स्तर पर अधिकारी छोटी-छोटी समस्याओं पर भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। अगर इन समस्याओं पर थोड़ा सा ध्यान देकर उनका निस्तारण स्थानीय स्तर पर ही कर दिया जाए तो लोगों को इतनी दूर समस्याएं लेकर नहीं आना पड़ेगा। कैबीनेट मंत्री सिंह ने हिदायत देते हुए कहा कि अधिकारियों को चाहिए कि वे आम आदमी की समस्याओं का प्राथमिकता से निस्तारण करें। अगर एक ही परिवाद दुबारा आता है तो यह स्पष्ट करता है कि संबंधित अधिकारी आमजन के काम नहीं कर रहा है।
कैबीनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह यह बोले…. -डीग-कुम्हेर से तो लोग बहुत आए हैं। सबसे ज्यादा लोग तो भरतपुर के आए हैं, जो कि छोटी-छोटी समस्याएं लेकर आए हैं। यूआईटी से, नगर निगम से, पीएचईडी से, बिजली विभाग से, पीडब्ल्यूडी से जुड़ी समस्याएं आई है। लोग परेशान हो रहे हैं। ये समस्याएं आसानी से हल हो सकती है। मैं सबको सुन रहा हूं। कहना चाहूंगा अन्य विधायकों से कि वे थोड़ा ध्यान रखें। जनप्रतिनिधि गंभीर हो, आम आदमी की आह को सुनें। ताकि गरीब आदमी को राहत मिल सके और उनको न्याय मिल सके। सुबह से जनसुनवाई चालू हुई है, इसमें अधिकांश समस्याएं मेरे क्षेत्र डीग-कुम्हेर से नहीं आई है, बल्कि अन्य क्षेत्रों की आई हैं।-
बड़ा सवाल…आखिर क्यों की फाइल पर महिला अफसर ने टिप्पणी दो दिन पहले ही कैबीनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह डीग-कुम्हेर के सरपंचों के कहने पर उन्हें जिला परिषद् के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुशील कुमार के पास मिलने के लिए भेजा था। जहां सीईओ सिर्फ दो ही सरपंचों को मिलने के लिए बुलाया था, परंतु सरपंचों ने यह कहकर मिलने से मना कर दिया था कि वह सभी एक साथ ही मिलने जाएंगे। इसको लेकर कलक्ट्रेट में हंगामा हो गया था। सरपंचों ने सीईओ को हटाने की मांग करते हुए धरना-प्रदर्शन तक किया था। अब इसी मामले में जब कैबीनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि कहा कि इस बारे में बात हो चुकी है कि एक अधिकारी ने एक फाइल पर रिमार्क लगा दिया था। जिला कलक्टर से बात हो चुकी हैं, वे फाइल कल तक वापस निकल जाएंगी। क्योंकि एक अधिकारी फाइल पर व्यक्तिगत टिप्पणी लिख दी थी। इस सप्ताह में पूरा पैसा ग्राम पंचायतों को मिल जाएगा। टिप्पणी के मामले में कोई साजिश नहीं है। एक महिला अफसर हैं, वे यहां कार्यरत भी रह चुकी है। उन्होंने टिप्पणी लिख दी थी। बाकी सरपंचों को भी आश्वासन दिया है। उनकी समस्या का निराकरण किया जाएगा। बाकी जो अधिकारी आमजन की समस्याओं के निराकरण को लेकर गंभीर नहीं है, उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
भरतपुर में चल रहा जनसुनवाई का दौर…क्योंकि! पिछले कुछ महीने से भरतपुर में जनसुनवाई का दौर चल रहा है। हाल में ही प्रभारी मंत्री रमेश मीणा की ओर से भी जिलेभर के विधानसभा क्षेत्रों में जनसुनवाई की गई थी। हालांकि डीग-कुम्हेर में प्रभारी मंत्री रमेश मीणा की जनसुनवाई नहीं हो सकी है।