scriptएक माह में चार सौ से अधिक ट्रिपिंग,176 घंटे रही बिजली गुल | More than 4 hundred tripping one month, 176 hours of electricity gul | Patrika News

एक माह में चार सौ से अधिक ट्रिपिंग,176 घंटे रही बिजली गुल

locationभरतपुरPublished: May 09, 2019 11:13:44 pm

Submitted by:

pramod verma

भरतपुर. गर्मी में बढ़ती विद्युत ट्रिपिंग की समस्या ने लोगों की परेशानी दोगुनी कर दी है।

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भरतपुर. गर्मी में बढ़ती विद्युत ट्रिपिंग की समस्या ने लोगों की परेशानी दोगुनी कर दी है। इस मौसम में लोगों को बढ़ते तापमान और दूसरी ट्रिपिंग के कारण बंद रही बिजली परेशान करती है। ऐसे में जेवीवीएनएल के ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में लगे 11 केवी फीडरों से जुड़े तारों से मार्च के महीने में 485 बार ट्रिपिंग हो चुकी है।
यानि प्रतिदिन करीब 16 बार ट्रिपिंग हुई है। एक फीडर पर एक बार की ट्रिपिंग को दुरुस्त करने में 20 से 25 मिनट लगे हैं तो एक दिन में 16 बार की ट्रिपिंग को सही करने में करीब 320 मिनट लगेंगे। इस कारण एक महीने में 176 घंटे बिजली गुल रहने से लोगों का परेशान होना स्वभाविक है।

जिले में भरतपुर, बयाना, कमां व डीग खंड में विद्युत निगम के शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में 03 लाख से अधिक उपभोक्ता हैं और 450 फीडर हैं, जहां से बिजली सप्लाई दी जाती है। निगम के इन खंडों में मार्च 2019 में भरतपुर खंड में 108, बयाना में 125, कामां में 94 और डीग खंड में सर्वाधिक 158 बार ट्रिपिंग हुई। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अप्रेल में गर्मी बढऩे के साथ ट्रिपिंग की समस्या भी बढ़ी होगी।

सर्दी में प्रतिदिन 26 से 27 लाख यूनिट की खपत होती है। वहीं गर्मी में प्रतिदिन 40 लाख यूनिट की खपत हो जाती है। ऐसे में बिजली के तारों पर पक्षी के बैठने व अन्य कारणों से ट्रिपिंग होती है तो आपूर्ति बंद कर सही करने में समय लगता है। दूसरी ओर जिले में करीब 40 फीसदी बिजली की चोरी जंपर डालकर हो रही है। इस कारण लोड बढऩे से भी ट्रिपिंग होती है। इससे उपभोक्ताओं को तेज गर्मी में परेशानी का सामना करना पड़ता है। वहीं बार-बार ट्रिपिंग से सबसे अधिक प्रभाव छोटे-बड़े उद्योगों पर पड़ता है।
ये हैं ट्रिपिंग के कारण
-तारों पर पक्षियों के बैठने से
-तेज हवा चलने से
-झूलते तारों से
-पेड़ की टहनी तारों पर गिरने से
-जंपर डालने से
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भरतपुर शहर में बिजली आपूर्ति का जिम्मा बीईएसएल का है। कंपनी लगभग 43 फीडरों से शहर में बिजली सप्लाई करती है। सर्दी में प्रतिदिन 06 लाख यूनिट बिजली और गर्मी में करीब 10 लाख यूनिट की खपत होती है। कंपनी के जनसंपर्क अधिकरी सुधीर प्रताप सिंह का कहना है कि प्रतिदिन करीब 08 से 10 बार ट्रिपिंग होती है।
एक महीने में 240 से 250 ट्रिपिंग होती हैं। एक ट्रिपिंग को सही करने में 10 से 15 मिनट लगते हैं। इस हिसाब से एक महीने में लगभग 41 घंटे बिजली गुल रही। इनका कहना है कि पक्षी गर्मियों में सुबह के समय तार पर बैठते हैं या आंधी आती है तो ट्रिपिंग होती है। समय पर सही करा देते हैं।

जेवीवीएनएल भरतपुर में एसई मूलचंद चौधरी का कहना है कि गर्मियों में ट्रिपिंग की समस्या ज्यादा रहती है। क्योंकि, अंधड़ आता है। इस बार आंधी नहीं आई तो ट्रिपिंग ज्यादा नहीं हुई। वहीं ट्रिपिंग को सही करने में दस से मिनट तो लगते ही हैं। इसलिए बिजली नहीं आने से लोगों को कुछ समय परेशानी आती है।
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