जोन में सबसे कम घाटा धौलपुर आगार का
भरतपुर जोन में 8 आगार हैं। आंकड़ों के अनुसार 5 जुलाई को पूरे जोन में बस संचालन निर्धारित लक्ष्य 2.31 लाख किलोमीटर के बजाय सिर्फ 2.13 लाख किलोमीटर ही हुआ, यानि लक्ष्य से 28 हजार किलोमीटर कम बस संचालित हुईं। ऐसे में एक दिन में लोहागढ़ आगार का 3.65 लाख रुपए , भरतपुर आगार का 2.1 लाख, हिण्डौन आगार का एक दिन का घाटा 2.18 लाख रुपए, करौली का 93 हजार, मत्स्य नगर 2.36 लाख, तिजारा का 1.74 लाख, अलवर का 3.40 लाख व धौलपुर का 7 हजार रुपए का घाटा रहा।
भरतपुर व लोहागढ़ में हर दिन करीब 20 शिड्यलू रद्द
जानकारी के अनुसार हर दिन भरतपुर व लोहागढ़ आगार में बसों के करीब 20 शिड्यूल रद्द हो रहे हैं। यानी हर दिन दोनों आगारों में लक्ष्य से करीब 7 हजार किलोमीटर कम संचालन हो पा रहा है।6 जुलाई की बात करें तो बसों के अभाव में लोहागढ़ में नौनेरा-नदबई, नगर, नदबई-खेड़ली, कामां-भरतपुर, जुरहरा-मथुरा, दिल्ली, कामां-दिल्ली, कोसी-अलवर, कोसी-डीग, कोसी-डीग, डीग-कामां-कोसी शिड्यूल रद्द किए गए।
प्रदेश में जोनवार एक दिन का घाटा(5 जुलाई 2019)
जोन घाटा(लाख) प्रतिशत(- माइनस)
भरतपुर 16.40 -20.40
अजमेर 11.76 -17.07
बीकानेर 2.17 -4.46
जयपुर 8.52 -14.30
जयपुर सिटी 0.65 -13.32
जोधपुर 8.23 -10.17
कोटा 8.22 -14.91
सीकर 8.54 -16.10
उदयपुर 10.67 -17.94
कुल 80.37 -14.68
(निर्धारित लक्ष्य से कम)
बसें कम हैं, इसलिए घाटा हो रहा है
भरतपुर व लोहागढ़ आगार में निर्धारित से 24 बसें कम हैं। ऐसे में हमारे हर दिन करीब 20 शिड्यूल कम संचालित हो रहे हैं, जिससे घाटा हो रहा है।
– महेश गुप्ता, कार्यवाहक मुख्य प्रबंधक, भरतपुर व लोहागढ़ आगार