वहीं आंगनबाड़ी केंद्र व आसपास के क्षेत्र में महिला कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनी व सहायिकाएं कार्य में योगदान देती हैं। इनकी जिम्मेदारी है कि ये बच्चों, गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं व किशोरियों को समय पर पोषाहार, जांच, दवाई, टीकाकरण आदि कराएं। ऐसे कार्यों में बेहतर सेवाएं देने वाली महिला कार्मिकों को आठ मार्च को जिला स्तर पर पुरस्कृत किया जाएगा। यह पुरस्कार प्रत्येक तहसील से एक-एक कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनी व सहायिका को दिया जाएगा।
जिले में करीब 2083 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। इनका संचालन दस ब्लॉकों में अलग-अलग सीडीपीओ के माध्यम से किया जाता है। इसलिए प्रत्येक ब्लॉक से एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, एक आशा सहयोगिनी व एक सहायिका को पुरस्कृत किया जाएगा। यानि जिले से दस कार्यकर्ता, दस आशासहयोगिनी व दस सहायिकों को यह सम्मान दिया जाएगा। इसमें कार्यकर्ता को 51 सौ रुपए, आशा व सहायिका को 2100-2100 नकद व प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा।
महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से इसकी तैयारियां की जा रही हैं। इस प्रक्रिया में प्रत्येक ब्लॉक में महिला पर्यवेक्षक सूची बना रही हैं। इसके बाद मूल्यांकन प्रपत्र तैयार कर चयन किया जाएगा। फिर एसडीएम की अध्यक्षता में बैठक होगी। इसमें सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाली महिला कार्मिकों का चयन मां यशोदा पुरस्कार के लिए किया जाएगा।
इसके तहत सरकार का उद्देश्य लोगों को जागरूक करना है, जिससे नौनिहाल, गर्भवती महिला, किशोरी व धात्री माताओं को सीडीपीओ में संचालित योजनाओं की जानकारी के साथ लाभ पहुंचाना है। कुम्हेर में सीडीपीओ महेंद्र अवस्थी ने बताया कि आठ मार्च को महिला दिवस पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनी व सहायिकाओं को मां यशोदा पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। यह पुरस्कार इन्हें मां-यशोदा के रूप में अच्छा कार्य करने पर दिया जाएगा। चयन प्रक्रिया जारी है।