इसरो ने क्रू मॉड्यूल की तकनीक का परीक्षण 18 दिसंबर 2014 को जीएसएलवी एमके-3 प्रायौगिक अभियान के तहत किया था। क्रू मॉड्यूल की रिकवरी और रीएंट्री संबंधी तकनीकों का परीक्षण सफल रहा है। फ्लाइट सूट भी सफलात पूर्वक बना लिया गया है।
ईसीएलएसएस तथा क्रू इस्केप सिस्टम के विकास का काम अभी चल रहा है तथा इनके चालू वित्त वर्ष के दौरान पूरा होने की उम्मीद है। सिंह ने कहा कि भारत सरकार ने अभी मानवयुक्त अंतरिक्ष अभियानों के लिए स्वीकृति नहीं दी है, लेकिन इसरो इसके लिए जरूरी तकनीकी दक्षता हासिल कर रहा है ताकि भविष्य में ऐसे किसी अवसर के लिए वह पहले से तैयार हो। इन तकनीकी दक्षताओं को हासिल करने में किसी भी दूसरे देश से मदद नहीं ली गई है।