अप्रेल तक होनी थी तैयार
भरतपुर के एमएसजे कॉलेज समेत प्रदेश के छह संभाग के बड़े कॉलेजों का 3डी स्मार्ट साइंस लैब (3D Smart Science Lab) के लिए चयन किया गया था। करीब 10 लाख रुपए की लागत से तैयार होने वाली लैब में आधुनिक 3डी तकनीक से प्रायोगिक पढ़ाई कराई जानी थी। जिससे विद्यार्थियों को समझने में आसानी होती। अगर यह लैब स्थापित हो जाती है तो प्रायोगिक पढ़ाई में काम लिए जाने वाले उपकरण, रसायन आदि का खर्च भी बचेगा।
जानवरों पर नहीं होंगे प्रयोग
एमएसजे कॉलेज भरतपुर समेत कालाडेरा, बीकानेर, उदयपुर आदि कॉलेजों को स्मार्ट साइंस लैब के लिए चुना गया है। इस लैब में साइंस के सभी विभागों (रसायनशास्त्र, प्राणीशास्त्र, वनस्पतिशास्त्र) की प्रायोगिक पढ़ाई 3डी तकनीक से वर्चुअल रियलिटी के जरिए प्रायोगिक पढ़ाई होगी। साथ ही इसका सबसे बड़ा फायदा प्राणीशास्त्र विभाग की प्रायोगिक पढ़ाई में मिलेगा। जिसमें किसी जानवर की जान जाए बिना ही प्रयोग किया जा सकेगा। गौरतलब है कि प्राणीशास्त्र में कई जानवरों पर होने वाले प्रयोगों पर रोक लगा थी। लेकिन अब विद्यार्थी आसानी से तकनीक के माध्यम से बिना किसी जानवर के इस्तेमाल के प्रयोग कर सकेंगे।
टेंडर निरस्त हो गया है
3डी स्मार्ट साइंस लैब के लिए कॉलेज की ओर से टेंडर प्रक्रिया की गई थी लेकिन उसमें कोई कमी के चलते टेंडर निरस्त कर दिए गए। अब दुबारा से टेंडर किए जाएंगे। उसके बाद लैब स्थापित की जाएगी।
– डॉ. विवेक शर्मा, प्राचार्य, एमएसजे कॉलेज भरतपुर।