अब मामला वार्डसंख्या तीन से जुड़ा हुआ है, जहां मृतक ओमप्रकाश का ही नाम मतदाता सूची में डाल दिया गया। अब खुद प्रत्याशी इस बात की जांच करने में लगे हुए हैं कि यह लापरवाही किस स्तर पर की गईहै। जबकि मृतक के परिजनों की ओर से बीएलओ को इस मामले से अवगत कराया गया था। वार्डछह की भाजपा प्रत्याशी उषा सिंह ने बताया कि परिजनों की सूचना के बाद भी मृतक का नाम वार्ड तीन में जोड़ा गया। वार्ड की सीमा से दो किमी की दूरी पर स्थित नईमंडी श्मशान के आसपास के वोटरों को भी इसमें शामिल कर दिया गया। वोटरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
जिनका इस वार्ड से कोई मतलब ही नहीं था, उनके नाम भी इसमें जोड़ दिए गए। कुछवोटर जो कि पीली पर्चीलेकर वोट डालने के लिए आए थे, उनकी भी जांच होनी चाहिए। उन्होंने पार्टीके ही नेताओं पर आरोप लगाए कि उन्हें टिकट तो दी गई, लेकिन कुछ नेताओं ने सिफारिश से दूसरे प्रत्याशियों के लिए की। प्रदेश नेतृत्व में मतभेद के कारण प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा है। वार्ड तीन से निर्दलीय सोनवीर सिंह ने बताया कि उनकी वार्ड के वोटरों के नाम वार्ड छह में शामिल कर दिए गए। पूरे परिवार के वोट यहां वार्ड तीन में हैं जबकि वार्डछह में उनकी पत्नी का वोटवहां शामिल कर दिया गया। वार्डचार से भाजपा प्रत्याशी बबली ने बताया कि बहुत सारी वोटवार्ड तीन में डाल दी गई। परिसीमन के कारण काफी गड़बड़ी की गईहै। चुनाव से पहले भी यह मुद्दा उठाया गया, लेकिन किसी ने नहीं सुनी। वार्ड तीन से निर्दलीय प्रत्याशी विकास डागुर ने कहा कि वार्ड चार, पांच, छह में वोट डाल दिए गए।