जमीनी हालात में नहीं ज्यादा बदलाव
भरतपुरPublished: Jun 26, 2015 11:49:00 pm
बेहतर शिक्षा तथा सुविधा
सरकारी स्कूलों में मुहैया कराने को लेकर सालभर तक निर्देशों की कवायद चलते
कुम्हेर।बेहतर शिक्षा तथा सुविधा सरकारी स्कूलों में मुहैया कराने को लेकर सालभर तक निर्देशों की कवायद चलते रहने के बाद भी हालात में ज्यादा बदलाव नहीं आया है। कहीं मूलभूत सुविधाओं का आभाव है तो कहीं शिक्षा देने के मामले में बेहतर सक्रियता नहीं दिखाई जा रही है। यही वजह है कि सरकारी स्कूलों में नामांकन में पिछले कुछ सालों में काफी गिरावट आई है।
राजस्थान पत्रिका तथा जन संगठनों के सहयोग से चलाए जा रहे “नींव शिक्षा का सवाल” अभियान के तहत क्षेत्र के विभिन्न स्कूलों की पड़ताल करने के दौरान कुछ ऎसे ही तथ्य सामने आए हैं। शिक्षकों की ओर से समय पर नहीं आने तथा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिलने के मामले में अभिभावकों में भी रोष देखने को मिल रहा है। परिजनों का कहना है कि स्कूलों में जहां पेयजल संकट से बच्चों को हर दिन जूझना पड़ता है।
अभिभावकों का कहना है कि सभी लोगों को बेहतर शिक्षा देने को लेकर अपना योगदान निभाना चाहिए। आमतौर पर सरकारी स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं को उपलब्ध कराने की दिशा में पूरी गम्भीरता के साथ कार्य नहीं किया जा रहा है।
इन स्कूलों का किया सर्वे
राजकीय उच्च प्राथमिक आदर्श नेहरू विद्यालय, राजकीय बालिका उच्च प्राथमिक स्कूल गुदड़ी, अस्तावन ग्राम पंचायत के खेड़ा कारौली स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय तथा राजकीय माध्यमिक विद्यालय धनवाड़ा में साहिल कामरा, प्रेरणा मिश्रा तथा मीनल मोगा ने सर्वे किया।
अभिभावकों में रोष
बातचीत के दौरान अभिभावकों में शिक्षा की वर्तमान व्यवस्था पर रोष देखने को मिला। उन्होंने कहा कि सभी शिक्षक समय पर पहुंचे तथा पूरे मन के साथ अध्ययन कार्य कराएं तो शिक्षा के हालात काफी बेहतर हो सकते हैं। लेकिन इस दिशा में अभी कम ध्यान दिया जा रहा है।
इधर भी कम देते हैं ध्यान
परिजनों का आरोप है कि स्कूलों में पीने के पानी की टंकी की सफाई नियमित तौर पर नहीं की जाती है। साथ ही बच्चों को खेल सामग्री भी उपलब्ध कराने में अनदेखी बरती जाती है। उन्होंने व्यवस्थाओं को दुरूस्त करने की मांग की है।