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घोटाला: पहले मुकदमा दर्ज कराया उसके 10 दिन बाद थमाया ठेकेदार को नोटिस

locationभरतपुरPublished: Jul 13, 2020 09:01:52 pm

Submitted by:

Meghshyam Parashar

-कामां नगरपालिका में गड़बड़ी का बड़ा खेल, सार्वजनिक सुलभ शौचालय से 70 हजार के दो एसी के गबन का मामला-तीन साल में सामने आ चुके हैं घोटाले के एक दर्जन से अधिक मामले

घोटाला: पहले मुकदमा दर्ज कराया उसके 10 दिन बाद थमाया ठेकेदार को नोटिस

घोटाला: पहले मुकदमा दर्ज कराया उसके 10 दिन बाद थमाया ठेकेदार को नोटिस

रघुवीर सिंह
भरतपुर/कामां. नगरपालिका की ओर से पिछले तीन साल के आंकड़ों पर बात करें तो एक दर्जन से अधिक घोटाले सामने आ चुके हैं। यही कारण है कि अब खुद नगरपालिका के अधिकारी एक घोटाले में भ्रष्टाचारियों को बचाने के खेल में बचाव करते नजर आए हैं। हुआ यूं कि नगर पालिका की ओर से करीब एक वर्ष पूर्व कामां कस्बे में आमजन व तीर्थ यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए पंचमपीठ गोकुलचंद्रमाजी मंदिर के सामने व कामां नगर पालिका परिसर में 50 लाख से अधिक की लागत से दो वातानुकूलित सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण कराया गया था। सुलभ शौचालयों के निर्माण कार्य को पूर्ण हुए करीब एक वर्ष से अधिक हो गया है लेकिन अभी तक इनका लोकार्पण नहीं हो सका है। अब जब नगर पालिका की ओर से इन सुलभ शौचालयों की लोकार्पण की तैयारी की जा रही है तो वातानुकूलित सुलभ शौचालय में लगे एयर कंडीशन गायब होने के गबन का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इसका खुलासा सामाजिक कार्यकर्ता विजय मिश्रा की ओर से प्राप्त की गई आरटीआई की सूचना के आधार पर हुआ है। मामला का खुलासा होने के बाद अब नगर पालिका प्रशासन में हड़कंप मच गया है और इसके चलते सुलभ शौचालय के लोकार्पण की तैयारियों पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं। गबन के मामले में लपेटे में आ रहे जिम्मेदार अधिकारी व जनप्रतिनिधि भी अपने बचाव का रास्ता ढूंढ रहे हैं।
आरटीआई से प्राप्त से जानकारी के अनुसार नगर पालिका की ओर से गोकुलचंद्रमाजी मंदिर के सामने सुलभ शौचालय निर्माण के लिए करीब 30 लाख की लागत के निर्माण टेंडर जारी किए थे। कार्य पूर्ण होने के बाद नगर पालिका चेयरमैन गीता शर्मा व तत्काकालीन अधिशाषी अधिकारी की ओर से निर्माण कार्य के लिए करीब 26 लाख रूपये का भुगतान भी कौशिक कंस्ट्रक्शन कंपनी के नाम कर दिया गया था लेकिन भुगतान के बावजूद अभी तक मौके पर काम ही पूरा नहीं हो सका है। इसको लेकर नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी की ओर से ठेकेदार को दो बार नोटिस भी जारी किया जा चुका है। निर्माण कार्य में यह देखने को मिला कि जिस भूमि पर सरकारी सुलभ शौचालय का निर्माण कराया गया वह मंदिर निजी भूमि थी।
जहां शौचालय बनाया वह जमीन किसकी?

जहां सुलभ कॉम्पलेक्स का निर्माण कराया गया है उस जमीन का ना तो दान पत्र ना ही भूमि स्वामित्व का कोई दस्तावेज नगर पालिका के पास मौजूद था। फिर भी ना जाने क्यों नगर पालिका की ओर से निजी भूमि पर 26 लाख की लागत से सुलभ शौचालय का निर्माण करा दिया गया। इस सुलभ शौचालय निर्माण का भुगतान तो पूरा हो गया लेकिन अभी तक कार्य पूर्ण नहीं हो सका है। इसके अलावा इसको लेकर वर्तमान अधिशाषी अधिकारी श्याम बिहारी गोयल की ओर से ठेकेदार को दो बार नोटिस भी दिया जा चुका है। मामले में सबसे रोचक बात यह है कि इस सुलभ शौचालय में छह सीसी लगाए गए थे जिनका दो लाख पांच हजार 458 का भुगतान कर दिया गया था। आरटीआई से हुए खुलासे के अनुसार इस सार्वजनिक सुलभ शौचालय में चार एसी ही लगाया लगाया जाना पाया गया। दो एसी के स्टोर में जमा होने की बात सामने आई थी, लेकिन स्टोर कीपर की ओर से भी लिखित रूप से अवगत कराया गया कि स्टोर में इस तरह का कोई एसी जमा नहीं है इस सुलभ शौचालय में लगे चार एसी में से तीन एसी पांच जून को रहस्यमयढंग से चोरी हो गए थे। जिसकी रिपोर्ट भी अधिशासी अधिकारी श्याम बिहारी ने कामां थाने में दर्ज कराई गई थी। मामले की कामां पुलिस की ओर से जांच की जा रही है, लेकिन छह से दो एसी के गायब होने का अभी तक कोई अता पता है कि यह दो एसी कहां गए।
पहले कर दिया भुगतान, अब कर रहे खानापूर्ति

नगर पालिका परिसर में में बनाए गए सार्वजनिक सुलभ शौचालय निर्माण कार्य का करीब 26 लाख रुपए का भुगतान कौशिक कंस्ट्रक्शन कंपनी के नाम कर दिया गया कर दिया गया था लेकिन इस कंस्ट्रक्शन कंपनी की ओर से भुगतान के बावजूद भी अभी तक मौके पर कार्य पूरा नहीं किया जा सका है। आरटीआई से हुए खुलासे के अनुसार इस सुलभ शौचालय में भी छह एसी लगाए गए थे। बताते हैं कि चार एसी वर्तमान में सुलभ शौचालय में लगे हुए जबकि दो एसी नियम विरुद्ध तरीके से बिना कोई रिकॉर्ड का इंद्राज किए फायर स्टेशन में संचालित हो रहे हैं।
-प्रथम दृष्टया मामला गबन का बनता है लेकिन इस यह कार्यकाल का नहीं है मैंने जब अगस्त 2019 में कामां नगर पालिका में अधिशासी अधिकारी पद का कार्यभार संभाला था तो मुझसे पूर्व ही कार्य का भुगतान व अन्य कार्य संपन्न हो चुके थे फिर भी मैंने दोनों सुलभ शौचालयों का भौतिक सत्यापन किया। कार्य अधूरा होने पर मैंने संबंधित ठेकेदार अभियंता को नोटिस जारी किया गया था। चंद्रमाजी मंदिर परिसर की भूमि पर सार्वजनिक वातानुकूलित सुलभ शौचालय का दान पत्र या भूमि स्वामित्व का दस्तावेज निर्माण पत्रावली में मौजूद नहीं है।
श्यामबिहारी गोयल
अधिशाषी अधिकारी
नगरपालिका कामां

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