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सियासत: एक साल पहले जिस डीएसओ को विश्वेंद्र सिंह ने एपीओ कराया, उसे अब एडीएम प्रशासन लगाया

locationभरतपुरPublished: Aug 03, 2020 07:41:40 pm

Submitted by:

Meghshyam Parashar

-यूआईटी सचिव का पद रखा अभी खाली

सियासत: एक साल पहले जिस डीएसओ को विश्वेंद्र सिंह ने एपीओ कराया, उसे अब एडीएम प्रशासन लगाया

सियासत: एक साल पहले जिस डीएसओ को विश्वेंद्र सिंह ने एपीओ कराया, उसे अब एडीएम प्रशासन लगाया

भरतपुर. पिछले करीब एक महीने से भी अधिक समय से हो रहा सत्ता का संग्राम भले ही अभी थमा नहीं है, लेकिन इसके सत्तापक्ष व विरोधी खेमे के बीच उठापटक का असर अफसरों के तबादलों पर भी आसानी से देखा जा सकता है। चूंकि डीग-कुम्हेर से विधायक एवं पूर्व कैबीनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह पहले से ही सचिन पायलट के समर्थन में हैं। ऐसे में हाल में ही जारी हुई आरएएस अधिकारियों की तबादला सूची में एक नाम इस समय खास चर्चा का विषय बना हुआ है। चूंकि पूर्व में डीएसओ के पद पर कार्यरत रह चुकी बीना महावर को पूर्व कैबीनेट मंत्री की नाराजगी के बाद ही एपीओ किया गया था।
दो अगस्त को जारी राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की तबादला सूची में नरेश कुमार गालव एडीएम प्रशासन को जिला परिषद् सीईओ बांसवाड़ा, हेमंतस्वरूप माथुर को रजिस्ट्रार बृज विश्वविद्यालय भरतपुर से उपनिदेशक महिला एवं बाल विकास विभाग अजमेर, शौकत अली को उप महानिरीक्षक पंजीयन एवं मुद्रांक भरतपुर वृत से रजिस्ट्रार बृज विश्वविद्यालय भरतपुर, बीना महावर उप निबंधक राजस्व मंडल प्रथम से एडीएम प्रशासन भरतपुर, उत्तमसिंह सहायक सचिव राज्य निर्वाचन आयोग जयपुर से उप महानिरीक्षक पंजीयन एवं मुद्रांक भरतपुर वृत, उम्मेदीलाल मीणा सचिव नगर विकास न्यास को एडीएम शहर अलवर लगाया गया है। हालांकि इसमें रोचक बात यह भी है कि अभी यूआईटी सचिव का पद खाली रखा गया है। अभी कुछ समय तक इस पद को खाली रखते हुए शहरी निकाय के ही अधिकारी को चार्ज भी दिया जा सकता है।
तीन जुलाई 2019 को दो मंत्रियों की मौजूदगी में हुआ था विवाद

तीन जुलाई 2019 को कलक्ट्रेट सभागार में खाद्य आपूर्ति तथा उपभोक्ता मामलात मंत्री सुखराम विश्नोई व पूर्व कैबीनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह की मौजूदगी में हुई बैठक में यह विवाद हुआ था। इसमें बैठक में पूर्व कैबीनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने डीएसओ द्वितीय से सवाल किया था कि अब तक राशन डीलरों के खिलाफ कितनी शिकायत आई है तो डीएसओ समेत संबंधित विभाग के अधिकारी एक-दूसरे का मुंह ताकने लगे थे, लेकिन जबाव तत्कालीन जिला कलक्टर डॉ. आरुषि अजेय मलिक ने दिया था। इससे नाराज पूर्व कैबीनेट मंत्री ने कहा था कि डीएसओ मैडम आप एसी ऑफिस से बाहर ही नहीं निकलना चाहती हैं। मंत्री होने के नाते ही सही आपने दो साल में डीग-कुम्हेर विधानसभा क्षेत्र में एक भी निरीक्षण नहीं किया। बड़े आश्चर्य की बात है, आप काम क्या खाक करेंगी। अगर नौकरी नहीं करना चाहती हैं तो बाहर तबादला करा लो। अन्य भी कोई ऐसा अधिकारी है तो बता दें। काम तो करना ही पड़ेगा। इतने में ही डीएसओ ने भी जबाव दिया था कि तबादला करा दीजिए। इसके दो दिन बाद ही डीएसओ बीना महावर समेत प्रदेश के नौ अधिकारियों का तबादला कर दिया गया था। उस समय यह मामला प्रदेशभर में सुर्खियों में रहा था।
डीग-कुम्हेर व बयाना विधानसभा में स्वीकृत राशि का डाटा हो रहा तैयार
पिछले दो दिन पूर्व सचिन पायलट खेमे की ओर से उनके विधानसभा क्षेत्रों में विकास कार्य नहीं कराने का आरोप लगाने के बाद गोपनीय तरीके से डाटा भी तैयार कराया जा रहा है। हालांकि खुद अधिकारी ऐसे किसी डाटा को तैयार करने की बात से इंकार कर रहे हैं, परंतु बताया जा रहा है कि दोनों ही विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में किस क्षेत्र में कितनी राशि स्वीकृत की गई है, इसका डाटाबेस तैयार कर मांगा गया है।
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