तीन जुलाई 2019 को दो मंत्रियों की मौजूदगी में हुआ था विवाद तीन जुलाई 2019 को कलक्ट्रेट सभागार में खाद्य आपूर्ति तथा उपभोक्ता मामलात मंत्री सुखराम विश्नोई व पूर्व कैबीनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह की मौजूदगी में हुई बैठक में यह विवाद हुआ था। इसमें बैठक में पूर्व कैबीनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने डीएसओ द्वितीय से सवाल किया था कि अब तक राशन डीलरों के खिलाफ कितनी शिकायत आई है तो डीएसओ समेत संबंधित विभाग के अधिकारी एक-दूसरे का मुंह ताकने लगे थे, लेकिन जबाव तत्कालीन जिला कलक्टर डॉ. आरुषि अजेय मलिक ने दिया था। इससे नाराज पूर्व कैबीनेट मंत्री ने कहा था कि डीएसओ मैडम आप एसी ऑफिस से बाहर ही नहीं निकलना चाहती हैं। मंत्री होने के नाते ही सही आपने दो साल में डीग-कुम्हेर विधानसभा क्षेत्र में एक भी निरीक्षण नहीं किया। बड़े आश्चर्य की बात है, आप काम क्या खाक करेंगी। अगर नौकरी नहीं करना चाहती हैं तो बाहर तबादला करा लो। अन्य भी कोई ऐसा अधिकारी है तो बता दें। काम तो करना ही पड़ेगा। इतने में ही डीएसओ ने भी जबाव दिया था कि तबादला करा दीजिए। इसके दो दिन बाद ही डीएसओ बीना महावर समेत प्रदेश के नौ अधिकारियों का तबादला कर दिया गया था। उस समय यह मामला प्रदेशभर में सुर्खियों में रहा था।
डीग-कुम्हेर व बयाना विधानसभा में स्वीकृत राशि का डाटा हो रहा तैयार
पिछले दो दिन पूर्व सचिन पायलट खेमे की ओर से उनके विधानसभा क्षेत्रों में विकास कार्य नहीं कराने का आरोप लगाने के बाद गोपनीय तरीके से डाटा भी तैयार कराया जा रहा है। हालांकि खुद अधिकारी ऐसे किसी डाटा को तैयार करने की बात से इंकार कर रहे हैं, परंतु बताया जा रहा है कि दोनों ही विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में किस क्षेत्र में कितनी राशि स्वीकृत की गई है, इसका डाटाबेस तैयार कर मांगा गया है।
पिछले दो दिन पूर्व सचिन पायलट खेमे की ओर से उनके विधानसभा क्षेत्रों में विकास कार्य नहीं कराने का आरोप लगाने के बाद गोपनीय तरीके से डाटा भी तैयार कराया जा रहा है। हालांकि खुद अधिकारी ऐसे किसी डाटा को तैयार करने की बात से इंकार कर रहे हैं, परंतु बताया जा रहा है कि दोनों ही विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में किस क्षेत्र में कितनी राशि स्वीकृत की गई है, इसका डाटाबेस तैयार कर मांगा गया है।