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अब भरतपुर 12वीं पास!

locationभरतपुरPublished: Oct 02, 2022 01:31:52 pm

Submitted by:

Meghshyam Parashar

-स्वच्छता सर्वेक्षण 2022: प्रदेश में 12वां व देश में 260वां स्थान, संभाग में पहला पायदान

अब भरतपुर 12वीं पास!

अब भरतपुर 12वीं पास!

भरतपुर. सालों से सफाई व्यवस्था पर हो रही सियासी खींचतान के बीच अब भरतपुर नगर निगम का स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 का परिणाम भी जारी हो गया। 11वीं के बाद भरतपुर अब 12वीं पास हुआ। मतलब यह है कि इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण में भरतपुर का प्रदेश में 12वां व देश में 260वां स्थान आया है। जबकि संभाग में पहले पायदान पर रहा है। इस रिपोर्ट ने जहां नगर निगम के जिम्मेदारों को आइना दिखाया है तो वहीं सफाई व्यवस्था को सुधारने के लिए चुनौती भी खड़ी कर दी है। क्योंकि स्वच्छता सर्वेक्षण की यह रिपोर्ट नगर निगम की एक साल की सफाई व्यवस्था के आधार पर बनती है, लेकिन इस बार भी नगर निगम स्वच्छता सर्वेक्षण के मानकों पर खरा नहीं उतर सका है।
उल्लेखनीय है कि हाल में ही नगर निगम की ओर से तीन साल के लिए करीब साढ़े 60 करोड़ रुपए के अनुबंध पर नई सफाई व्यवस्था लागू की गई है। इसमें सरकूलर रोड के बाहर स्थित 40 वार्डों की सफाई का जिम्मा निजी कंपनी व अंदर के 25 वार्डों की सफाई का जिम्मा स्थायी कर्मचारियों को सौंपा गया है। साथ ही कचरा परिवहन व्यवस्था निजी सफाई कंपनी संभाल रही है। इस सफाई व्यवस्था को लेकर विरोध भी हो रहा है। इससे सफाई व्यवस्था पटरी पर नहीं आ पा रही है।
पहले कब क्या रही रैंकिंग

स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में देश में 262 व प्रदेश में 11वीं, 2020 में भरतपुर नगर निगम को देश में 249वीं और प्रदेश में 11वीं रैंक मिली थी। जबकि वर्ष 2019 में देशभर में 279वीं व प्रदेश में 14वीं रैंक आई थी। वर्ष 2016 में 395वीं रैंक थी। वर्ष 2017 में हम पिछड़कर 434 वीं रैंक पर पहुंच गए। वर्ष 2018 में फिर कुछ सुधार हुआ और 259वीं रैंक पर आ गए थे। जबकि वर्ष 2019 में 279वीं रैंक आई। राज्यस्तर पर वर्ष 2018 में 16वीं और वर्ष 2019 में 14वीं रैंक आई थी। आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय की ओर से स्वच्छ भारत मिशन के तहत वर्ष 2016 से स्वच्छता सर्वेक्षण का आयोजन किया जा रहा है। इसमें आबादी के हिसाब से विभिन्न कैटेगरी में रैंक निर्धारित की जाती है। बेहतर रैंक लाने वाले शहरी निकायों को प्रधानमंत्री की ओर से सम्मानित किया जाता है। साथ ही स्वच्छता रैंक बेहतर लाने की कोशिश के साथ शहरों की सफाई व्यवस्था में भी सुधार होता है।
सफाई के इंतजाम रैंकिंग में अहम हिस्सा…

शहर में सफाई इंतजामों में सुधार की जरुरत है। शहर में प्रमुख चौराहों व कॉलोनियां आदि जगहों पर बने कचरा प्वाइंटों व कंटेनरों से कचरे का नियमित उठाव नहीं होने से सड़क पर गंदगी फैली रहती है। वहीं शहर के एंट्री प्वांइट्स पर घना के आसपास, अखड्ड के पास सड़क किनारे मृत मवेशी व गंदगी से अटे हुए है। इनकी दुर्गंध से आसपास के लोगों व वहां से गुजरने वाले राहगीरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
पिछडऩे के पीछे ये कारण

1. पूरे साल सफाई व्यवस्था का विरोध होने से बेहतर कार्य नहीं हुआ।

2. सफाई व्यवस्था को लेकर धरातल पर कोई काम तक नहीं हुआ।

3. कचरा परिवहन व्यवस्था अब भी सही तरीके से नहीं हो पा रही है।
4. लोगों में जागरुकता का अभाव व कचरा उठाव व्यवस्था कमजोर।

इनका कहना है

-इस बार हमें उम्मीद थी कि स्वच्छता सर्वेक्षण में हम कुछ बेहतर कर पाएंगे, लेकिन नई सफाई व्यवस्था को लागू करने में थोड़ा समय लगा। कुछ गतिरोध भी सामने आए, इस कारण यथास्थिति जैसे हालात सामने आए हैं। बाकी पूरा प्रयास है कि अगले स्वच्छता सर्वेक्षण में सुधार नजर आएगा।
अभिजीत कुमार
मेयर नगर निगम

-इस बार परिणाम कुछ ज्यादा अच्छा नहीं रहा है, लेकिन हम अब पूरे टीम वर्क के साथ सफाई व्यवस्था को बेहतर करने का प्रयास करेंगे।
कमलराम मीणा
आयुक्त नगर निगम

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