scriptअब किसानों को बैंक खातों में हस्ताक्षर से मिलान की दरकार | Now farmers need to match signatures in bank accounts | Patrika News

अब किसानों को बैंक खातों में हस्ताक्षर से मिलान की दरकार

locationभरतपुरPublished: Feb 03, 2019 09:38:25 pm

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pramod verma

भरतपुर. बिना लिए ही रिकॉर्ड में दर्ज कर्जमाफी ने किसानों को झकझोर दिया है।

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भरतपुर. बिना लिए ही रिकॉर्ड में दर्ज कर्जमाफी ने किसानों को झकझोर दिया है। प्रशासन के निर्देश पर गठित जांच कमेटी ने 390 में से 90 किसानों के लिखित बयान दर्ज कर जिला कलक्टर को रिपोर्ट सौंप दी है। अब किसान उनके नाम पर किए गए लाखों रुपए के खेल में जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई और बैंक के खातों में हो रहे हस्ताक्षर से मिलान चाहता है। इसलिए न्याय की गुहार को लेकर परमदरा व सेऊ के किसानों का धरना जारी है।
करीब बीस दिन से धरने पर बैठे किसानों के पास प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे थे। तब प्रशासन के निर्देश पर लिखित बयान की प्रक्रिया प्रारम्भ की गई, जो 90 किसानों के बयान दर्ज कर सिमट गई जबकि किसानों की संख्या 390 है। पीडि़त किसान सबके बयान दर्ज कराना चाहता है। इसे लेकर किसान अब पूर्व सरपंच मोहनसिंह के नेतृत्व में जिला प्रशासन से मिलेंगे।
उन्होंने बताया कि किसान अब प्रशासन से शेष का बयान लेने, बैंक खातों से पीडि़त किसानों के हस्ताक्षर का मिलान, गड़बड़ी के जिम्मेदारों पर कार्रवाई आदि गुहार लगाएंगे। इनका आरोप है कि सहकारिता विभाग की समितियों में किसानों के नाम ऋणमाफी में दर्ज कर रुपयों में गड़बड़ी का खेल किया गया है।
किसान न्याय की मांग कर रहे हैं। इसे लेकर राजस्थान पत्रिका ने ‘ कर्ज बना कांटाÓ अभियान शुरू किया। ऋणमाफी में गड़बड़ी को लेकर पत्रिका ने 17 जनवरी को ’35 साल पहले जिस किसान की मौत उसके नाम पर भी दिया ऋणÓ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया। इसके बाद 18 जनवरी से पत्रिका ने ‘कर्ज के दर्द से कराहते किसानों ने प्रशासन से लगाई गुहारÓ के साथ अभियान अब तक जारी है। पत्रिका के रंग लाते अभियान से जहां प्रशासन जांच के लिए हरकत में आया। वहीं अब जांच रिपोर्ट भी सौंप दी है।
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