हौंसला…कभी नहीं मानी हालातों से हार बताते हैं कि सभी 11 महिलाएं अपने घरों में पुरानी मशीनों पर ही काम करती थी। एक संस्था ने वर्ष 2018 में बीना देवी की जमीन पर एक हॉल का निर्माण कराया। इसमें दो लाख 20 हजार रुपए संस्था और दो लाख रुपए बीना ने दिए। इस फैक्ट्री नुमा हॉल में अब सभी महिलाएं एक साथ काम करती हैं। इसके अतिरिक्त वर्ष 2019 में लुपिन फाउंडेशन ने इनको 11 मशीनें दिलवाई। इसमें एक लाख 40 हजार रुपए संस्था ने दिए। अपनी मेहनत और लगन से इन्होंने बहुत अच्छा मुकाम प्राप्त किया है। बीना स्वयं प्रतिमाह 15-16 हजार रुपए कमाती हैं। इनके यहां की महिलाएं आठ-10 हजार रुपए प्रतिमाह तक कमा रही हैं।