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ताना देते थे क्या करेगी, अब 10 महिलाओं को भी दे रही रोजगार

locationभरतपुरPublished: Apr 09, 2021 01:02:15 pm

Submitted by:

Meghshyam Parashar

-नगर के गांव बुचाका की बीना देवी की सफलता की कहानी

ताना देते थे क्या करेगी, अब 10 महिलाओं को भी दे रही रोजगार

ताना देते थे क्या करेगी, अब 10 महिलाओं को भी दे रही रोजगार

भरतपुर. स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से जिले में असाक्षर महिलाओं ने भी खुद का व्यवसाय स्थापित कर मिसाल पेश की है। वे कहती हैं कि जब कुछ महिलाओं ने मिलकर बचत शुरू की तो गांव-समाज के लोगों ने ही अनपढ़ कहते हुए ताने मारे थे लेकिन अब पाई-पाई का हिसाब समूहों की प्रत्येक महिला की अंगुलियों पर मौजूद है। इसी से गांव-समाज की महिलाएं आगे भी बढ़ रही हैं। महिलाएं बचत के साथ स्वरोजगार भी कर रही हैं। इनमें मुर्गी पालन, शहद, बकरी पालन, गो-पालन, ओढऩी सिलाई कार्य सहित अनेक छोटे उद्योग शामिल हैं। ऐसी ही कहानी है कि नगर के गांव बुचाका की बीना देवी की सफलता की। जिन्होंने सफलता का मुकाम प्राप्त किया है।
कुछ वर्ष पहले बीना देवी एक गृहणी के रूप में ही अपना जीवन व्यतीत कर रही थी। उनको सिलाई का कार्य अच्छा आता था पर ये काम सिर्फ गांव के कपड़ों तक ही सीमित था। इनके पति राजेंद्र भी सिलाई का कार्य करते थे। वर्ष 2002 में ये सीकरी की एक फैक्ट्री से कुछ शर्ट की कटिंग लेकर आई और शर्ट तैयार करके दी। जो कि एक फैक्ट्री के मालिक को बहुत पसंद आई और इनको काम देना शुरू किया। इसी वर्ष इन्होंने एक संस्था के मार्गदर्शन में गांव की ही 10 और महिलाओं को जोड़ कर रजनी लुपिन स्वयं सहायता समूह का गठन किया और ये सभी शर्ट बनाने का काम करने लगी। इनको इसके बाद शिक्षा विभाग से बच्चों की स्कूली गणवेश बनाने का काम मिला जो इन्होंने समय पर और गुणवत्ता के साथ पूरा किया। इसके बाद इनको ये काम लगातार मिलने लगा और इसके साथ ही इनको सीकरी और अलवर जिले से भी शर्ट और फैंसी कपड़े बनाने का काम मिलने लगा।
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बताते हैं कि सभी 11 महिलाएं अपने घरों में पुरानी मशीनों पर ही काम करती थी। एक संस्था ने वर्ष 2018 में बीना देवी की जमीन पर एक हॉल का निर्माण कराया। इसमें दो लाख 20 हजार रुपए संस्था और दो लाख रुपए बीना ने दिए। इस फैक्ट्री नुमा हॉल में अब सभी महिलाएं एक साथ काम करती हैं। इसके अतिरिक्त वर्ष 2019 में लुपिन फाउंडेशन ने इनको 11 मशीनें दिलवाई। इसमें एक लाख 40 हजार रुपए संस्था ने दिए। अपनी मेहनत और लगन से इन्होंने बहुत अच्छा मुकाम प्राप्त किया है। बीना स्वयं प्रतिमाह 15-16 हजार रुपए कमाती हैं। इनके यहां की महिलाएं आठ-10 हजार रुपए प्रतिमाह तक कमा रही हैं।
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