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एक माह में सुलझा दी थी ब्लाइंड मर्डर केस की गुत्थी, अब पुलिस निरीक्षक मुनीन्द्र को मिलेगा केंद्रीय पदक

locationभरतपुरPublished: Aug 13, 2020 08:12:53 pm

Submitted by:

Meghshyam Parashar

-भरतपुर जिले के वैर के गांव सरसैना के हैं निवासी, वर्तमान में कोटा में रेलवे कॉलोनी थाने में तैनात

एक माह में सुलझा दी थी ब्लाइंड मर्डर केस की गुत्थी, अब पुलिस निरीक्षक मुनीन्द्र को मिलेगा केंद्रीय पदक

एक माह में सुलझा दी थी ब्लाइंड मर्डर केस की गुत्थी, अब पुलिस निरीक्षक मुनीन्द्र को मिलेगा केंद्रीय पदक

भरतपुर. मां-बेटी हत्याकांड की जिस गुत्थी को सुलझाने में उस समय बड़े पुलिस अधिकारी भी सफल नहीं हुए, उसे सिर्फ 30 दिन में मुनीन्द्र सिंह ने सुलझा दिया। कोटा के रेलवे कॉलोनी निरीक्षक भरतपुर जिले की तहसील वैर के गांव सरसेना निवासी मुनीन्द्र सिंह को केंद्रीय पदक-2020 विज्ञान नगर थानाधिकारी रहते हुए गत वर्ष एक महिला की हत्या कर उसका शव बोरी में भरकर फेंकने की गुत्थी को सुलझाने पर दिया गया है। ये ब्लाइंड श्रेणी का मर्डर था। इसमें मृतका का पता बमुश्किल डीएनए से लगा था। इसके अलावा हत्यारा भी एक खानाबदोश था। ऐसे में थानाधिकारी रहते हुए करीब एक माह दिन-रात एक कर इस मामले का खुलासा किया था। इस मामले में आरोपी की ओर से मां-बेटी की हत्या करने का भी खुलासा हुआ था। स्थानीय न्यायालय ने आरोपी को इस मामले में फांसी की सजा से दंडित किया। इस फैसले को उच्च न्यायालय ने भी बरकरार रखा। यही कारण है कि अपराधिक घटनाओं की जांच में उच्च प्रोफेशनल मानकों को बढ़ावा देने के लिए कोटा शहर के रेलवे कॉलोनी थाने में तैनात पुलिस निरीक्षक मुनीन्द्र सिंह को गृह विभाग की ओर से केन्द्रीय पदक 2020 से सम्मानित किया जाएगा है। मूल रूप से भरतपुर जिले के रहने वाले मुनीन्द्र सिंह ने पुलिस निरीक्षक के पद पर कार्य करते कई जटिल अपराधिक प्रकरणों की गुत्थी सुलझाई। वे बीते साल लंबित प्रकरणों के निस्तारण में भी कोटा में अव्वल रहे। कोटा के पुलिस अधीक्षक गौरव यादव ने बताया कि ‘जांच में उत्कृष्टता के लिए केंद्रीय गृह मंत्री के पदकÓ से देशभर के करीब 121 पुलिस कर्मियों को सम्मानित किया जा रहा है। इसमें राजस्थान के एक उपाधीक्षक, चार पुलिस निरीक्षक और एक उप निरीक्षक का नाम शामिल है। इनमें कोटा के निरीक्षक मुनीन्द्र सिंह के अलावा निरीक्षक राजेश यादव, पवन कुमार चौबे, निरीक्षक संतरा मीणा उप निरीक्षक मलकीत सिंह शामिल है। इनके अलावा राजस्थान के पुलिस उपाधीक्षक प्रशांत कौशिक भी इस पुरस्कार से नवाजा गया है। इस पदक की शुरुआत वर्ष 2018 में की गई थी। जिसका उद्देश्य अपराध की जांच के उच्च प्रोफेशनल मानकों को बढ़ावा देना और जांच अधिकारियों द्वारा जांच में इस तरह की उत्कृष्टता की पहचान करना है। इन पुरस्कारों को प्राप्त करने वाले कर्मियों में से 15 सीबीआई के, 10-10 मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र पुलिस के, आठ उत्तर प्रदेश पुलिस के और 7-7 कर्मी केरल व पश्चिम बंगाल पुलिस के हैं, तथा शेष कर्मी अन्य राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के हैं। इनमें 21 महिला पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं।
इधर, आजऊ के आलोक सिंह को यूपी में मिलेगा सिल्वर मेडल

उत्तर प्रदेश पुलिस में पुलिस उप अधीक्षक पद पर रहकर आलोक सिंह ने भरतपुर का नाम रोशन किया है। जिले की कुम्हेर तहसील के गांव आजऊ के रहने वाले आलोक सिंह पुत्र कुंवरपाल सिंह को स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को यूपी पुलिस के डीजीपी की ओर से सिल्वर मेडल से सम्मानित किया जाएगा। सीएए तथा एनआरसी में हुए प्रदर्शन के दौरान सारे उपद्रवियों की जल्द गिरफ्तारी व विवेचना का पर्यवेक्षण करने तथा कई महत्वपूर्ण हत्या के केसों में 24 घंटे के अंदर ही अपराधियों को पकडऩे पर पुलिस उपाधीक्षक आलोक सिंह सम्मानित होंगे। ये 2013 डीएसपी बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वर्तमान में कानपुर में सीओ बाबू पुरवा के पद पर तैनात हैं।

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