ऐसे में किसी परिवार में मृत्यु होने पर अस्थियों का विसर्जन करना भी मुश्किल हो गया। परिजनों ने सील सीमाएं खुलने के इंतजार में अस्थि कलशों को तालों में बंद कर दिया। अब परिजन अस्थि विसर्जन के लिए जा सकेंगे। इसके लिए राज्य सरकार नि:शुल्क सेवा की विशेष बसें संचालित करेगी।
क्योंकि. महामारी में यह भी अत्यंत पीड़ादायक है कि अपने परिजनों की मृत्यु के बाद उनकी अस्थियों का विसर्जन नहीं कर पाए थे। इसे लेकर राज्य सरकार ने उत्तराखंड सरकार से विसर्जन कराने के लिए बसों के आवागमन की सहमति मांगी थी, जिसे वहां की सरकार ने मंजूरी दे दी है। अब परिजन अपनों की अस्थियों को लेकर राजस्थान रोडवेज की बसों से नि:शुल्क विसर्जन स्थलों तक जा सकेंगे।
हालांकि उत्तर प्रदेश सरकार से भी सहमति के प्रयास किए जा रहे हैं। भरतपुर डिपो के प्रबंधक प्रशासन राजेंद्र शर्मा, नीरज दाहिना ने बताया कि व्यवस्था यह भी रखी है कि विसर्जन के लिए किसी भी परिवार के दो या तीन सदस्य इन विशेष बसों में नि:शुल्क यात्रा कर सकेंगे। सरकार ने निर्देश दिए है कि हरिद्वार व अन्य अस्थि विसर्जन स्थलों के लिए प्रतिदिन चार या पांच बसें संचालित होंगी। ये बसें संभागीय मुख्यालयों व जिला मुख्यालयों से संचालित होंगी।