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अब नगर निगम ने कर बड़ा कारनामा…

locationभरतपुरPublished: Jun 19, 2021 01:54:19 pm

Submitted by:

Meghshyam Parashar

-साधारण सभा की बैठक में बताया था यूडी टैक्स व पट्टों से प्राप्त राशि से काम कराना-प्रशासनिक वित्तीय स्वीकृति अन्य मद में निकाली, नगर निगम के मेयर व आयुक्त को डीएलबी निदेशक न्यायालय का नोटिस जारी

अब नगर निगम ने कर बड़ा कारनामा...

अब नगर निगम ने कर बड़ा कारनामा…

भरतपुर. नगर निगम की कथनी व करनी में कितना अंतर है, इसका नया उदाहरण सामने आया है। नगर निगम की साधारण सभा की बैठक में जिन कार्यों को यूडी टैक्स व पट्टों से प्राप्त राशि से कार्य कराना बताया गया था, अब उन्हीं कार्यों तीन अन्य मदों से कराने के लिए प्रशासनिक वित्तीय जारी कर दी गई। जबकि नियमों के तहत बोर्ड बैठक में प्रस्ताव रखे बगैर ऐसा नहीं किया जा सकता है। मामला विपक्षी पार्षदों ने स्वायत शासन विभाग के निदेशक न्यायालय में पहुंचाया तो अब नगर निगम के मेयर अभिजीत कुमार व आयुक्त डॉ. राजेश गोयल को नोटिस जारी कर सुनवाई के लिए 25 जून को दोपहर तीन बजे बुलाया गया है।
जानकारी के अनुसार 19 अप्रेल को हुई बैठक में करीब 50 करोड़ रुपए से अधिक के कार्य कराने के लिए एजेंडा में प्रस्ताव रखा गया। प्रस्ताव संख्या 58 में सीसी सड़क निर्माण, सीसी सड़क रेजिंग कार्य वार्ड नंबर आठ से 17 पैकेज नंबर एक राशि 30.81 करोड़ रुपए की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति पर विचार, प्रस्ताव संख्या 59 में सीसी सड़क निर्माण कार्य वार्ड 52 से 57 तक पैकेज नंबर दो राशि 11.80 करोड़ रुपए की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति पर विचार, प्रस्ताव संख्या 62 में वित्तीय वर्ष 2021-22 के विद्युत बजट के मद में संशोधित किए जाने पर विचार शामिल था। बैठक के विवरण में साफ उल्लेख किया है कि पार्षद श्यामसुंदर गौड़ ने कहा था कि किसी भी कार्य के लिए वित्तीय स्वीकृति लेने से पूर्व निगम कोष में बजट होना भी आवश्यक है, लेकिन बिना स्वीकृत बजट एवं राशि अनुपलब्ध होने के पश्चात् भी वित्तीय स्वीकृति सदन से ली जा रही है, यह गलत है। इस पर मेयर अभिजीत कुमार ने कहा था कि जहां तक पैसों का सवाल है कि पैसा कहां से आएगा तो बजट उपलब्धता के आधार पर कार्य कराए जाएंगे। निगम पट्टे जारी करने एवं यूडी टैक्स कलेक्शन पर अधिक जोर देकर राशि की उपलब्धता बढाई जाएगी। इन्हीं तीन कार्यों की प्रशासनिक वित्तीय स्वीकृति एक जून 2021 को जारी की। इसमें उक्त तीनों प्रस्ताव संख्या 58, 59, 64 का कार्य राज्य वित्त आयोग, 13वां वित्त आयोग, सामान्य से कराना बताया गया। अब पूरे प्रकरण को लेकर भाजपा पार्षद श्यामसुंदर गौड़, रूपेंद्र सिंह, सुमन प्रेमपाल, शिवानी दायमा, नरेश कुमार जाटव ने न्यायालय निदेशक, स्वायत्त शासन विभाग में शिकायत की है।
नियम: छह दिन पहले जारी होना चाहिए बैठक का एजेंडा

शिकायत में बताया है कि 19 अप्रेल को हुई नगर निगम की साधारण सभा की बैठक का एजेंडा 12 अप्रेल को जारी किया गया। इसके बाद 16 अप्रेल को संशोधित एजेंडा जारी किया गया। इसके बाद बैठक के दौरान टेबल एजेंडा जारी कर दिया गया। जबकि नियम है कि बैठक से कम से कम छह दिन पूर्व एजेंडा जारी होना चाहिए। इसकी प्रति प्रत्येक पार्षद के पास पहुंच जानी चाहिए।
अब 25 जून को ही रखी नगर निगम की बैठक

नगर निगम की बैठक 25 जून को दोपहर दो बजे सभागार में की जाएगी। इसके एजेंडा में चार प्रस्ताव रखे गए हैं। प्रस्ताव संख्या 67 में मास्टर ड्रेनेज सिस्टम की डीपीआर तैयार करने एवं ड्रेनेज कार्य की प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कन्सलटेंसी के कार्य की संशोधित राशि 3.13 करोड़ रुपए की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति पर विचार, प्रस्ताव संख्या 68 में भरतपुर शहर की ड्रेनेज व्यवस्था सुदृढ़ीकरण के कार्य पर होने वाले व्यय राशि 275.66 करोड़ रुपए की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति पर विचार, प्रस्ताव संख्या 69 पर भरतपुर शहर की चयनित मुख्य सड़कों की मैकेनिकल स्वीपिंग, डोर टू डोर कचरा संग्रह और परिवहन कार्य एवं 40 वार्डों की मैनुअल स्वीपिंग की डीपीआर स्वीकृति करने एवं उक्त कार्य पर तीन वर्षों में होने वाले 60.46 करोड़ रुपए की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति पर विचार, प्रस्ताव संख्या 70 पर शहर सौंदर्यीकरण के लिए शहर के मुख्य चौराहे एवं सर्किलों के नामकरण हेतु कमेटी गठित किए जाने पर विचार शामिल है।

-अभी मेरे पास नोटिस नहीं आया है। जानकारी करता हूं अगर नोटिस या ऐसा कोई मामला है तो नियम के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

डॉ. राजेश गोयल
आयुक्त नगर निगम

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