मार्च में दुकानों पर गेहूं का अभाव इसलिए भी हुआ कि अन्य वार्डों के लोगों ने निर्धारित दुकान के बजाए अन्य राशन की दुकानों से गेहूं उठा लिया। इसलिए करीब 70 हजार परिवार वंचित रहे गए। अब उन्हें वितरण किया जा रहा है।वहीं रसद विभाग अप्रेल का गेहूं भी आवंटन जल्द आवंटित करा देगा। करीब 86 हजार क्विंटल का आवंटन होगा। यह निर्णय कोरोना में लोक डाउन की स्थिति को देखते हुए लिया है।
बताते हैं कि महामारी के प्रभाव को रोकने के उद्देश्य से जिले में जनता कफ्र्यू के बाद लॉक डाउन कर दिया था। इस स्थिति से पहले राशन की दुकानों पर एपीएल और बीपीएल परिवारों के लिए गेहूं का आवंटन कम हुआ था। इसलिए अधिकांश उपभोक्ता बिना गेहूं के निराश लौट रहे थे। ऐसे लोग लॉक डाउन में दुकान खुलने के समय में प्रतिदिन पूछकर जा रहे थे कि भैया गेहूं आएगा या नहीं आएगा। जबाव मिलता था गेहूं जो आया उसे बांट दिया।
लॉक डाउन ने गेहूं से वंचित 30 फीसदी गरीब लोगों की कमर तोड़ दी थी। वहीं ट्रांसपोर्टेशन बिल्कुल बंद था, ऐसे में गेहूं पहुंचाना भी मुश्किल हो रहा था। लेकिन, सरकार ने बीते तीन दिन में कम आवंटित हुए गेहूं की आपूर्ति कर गरीब परिवारों को राहत दे दी। गौरतलब है कि जिले में 1007 राशन की दुकानें हैं। इनमें शहर में लगभग 80 दुकानें शामिल हैं, जहां करीब 03 लाख 56 हजार बीपीएल, एपीएल व अन्त्योदय परिवारों को खाद्य सुरक्षा के तहत गेहूं वितरित होता है।
जिला रसद अधिकारी भरतपुर बनवारी लाल मीणा का कहना है कि कोरोना वायरस के संक्रमण से लॉक डाउन की स्थिति में उचित मूल्य की दुकानों पर अब गेहूं का आंवटन कर दिया है। गेहूं की कोई कमी नहीं आने देंगे। अप्रेल माह के गेहूं का आवंटन भी शीघ्र किया जाएगा।